इमरान के समर्थकों पर आई आफत, 9 मई के दंगों के जिम्मेदार 25 लोगों को सुनाई गई सजा
85 नागरिकों के मामले में फैसला सुनाने की सशर्त अनुमति दी थी

Photo: PTIOfficialISB FB page
इस्लामाबाद/दक्षिण भारत। पाकिस्तान में सैन्य अदालत ने 9 मई, 2023 को राष्ट्रव्यापी दंगों के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हिंसक हमलों में शामिल होने के लिए 25 नागरिकों को दो से 10 साल तक की जेल की सजा सुनाई है। आईएसपीआर द्वारा जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब एक सप्ताह पहले ही पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने सैन्य अदालतों को 9 मई के दंगों से संबंधित मामलों में हिरासत में लिए गए 85 नागरिकों के मामले में फैसला सुनाने की सशर्त अनुमति दी थी।आज की घोषणा के बाद, उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, जिन व्यक्तियों को छूट के बाद रिहा किया जा सकता है, उन्हें 'तुरंत रिहा किया जा सकता है और जिन व्यक्तियों को अभी उन्हें दी गई सजा काटनी है, उनकी हिरासत' 'संबंधित जेल अधिकारियों' को सौंप दी जाएगी।
पीठ ने आदेश दिया था कि निर्णय की घोषणा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपील के अंतिम निर्धारण के अधीन होगी तथा इससे उन 85 अभियुक्तों के अधिकारों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
13 दिसंबर की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल आमिर रहमान ने अदालत को आश्वासन दिया था कि कैदियों के साथ जेल मैनुअल के अनुसार व्यवहार किया जाएगा। हालांकि जब याचिकाकर्ताओं के वकील ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि कैदियों को सिविल कोर्ट की हिरासत में रखा जाए, तो पीठ सहमत नहीं हुई।
9 मई, 2023 को अर्धसैनिक बलों द्वारा इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में दंगे भड़क उठे थे, जो कम से कम 24 घंटे तक चले थे।
आज घोषित दोषसिद्धि मुख्य रूप से जिन्ना हाउस, रावलपिंडी स्थित जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) और पाकिस्तानी वायुसेना (पीएएफ) बेस मियांवाली सहित कई प्रमुख सैन्य स्थलों पर हुए हमलों से संबंधित हैं।
पाकिस्तानी फौज ने एक बयान में कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में, फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (एफजीसीएम) ने सभी साक्ष्यों की जांच करने, आरोपियों को सभी कानूनी अधिकार प्रदान करने तथा उचित प्रक्रिया पूरी करने के बाद, पहले चरण में 25 आरोपियों को सजा सुनाई है।'
सजा सुनाने के इस पहले चरण में सैन्य अदालतों ने दो से 10 वर्ष तक के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
आईएसपीआर ने कहा, 'सभी दोषियों को कानून और संविधान द्वारा गारंटीकृत अपील और अन्य कानूनी उपायों का अधिकार बरकरार है।'
इसमें आगे कहा गया कि शेष आरोपियों की सजा की घोषणा भी की जा रही है और उचित प्रक्रिया पूरी होने पर शीघ्र ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
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