'भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है महाकुंभ'

उप्र सरकार के मंत्री खन्ना और कश्यप ने बेंगलूरु में रोड शो निकाला

'भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है महाकुंभ'

राज्यपाल और मुख्यमंत्री को महाकुंभ का निमंत्रण दिया

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 'महाकुंभ 2025' की तैयारियां जारी हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय मामलों के कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और पिछड़ा वर्ग कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कुमार कश्यप ने बेंगलूरु में भव्य रोड शो का नेतृत्व किया।

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उन्होंने महाकुंभ को भारत की 'विविधता में एकता' का अनूठा उत्सव बताते हुए राज्यपाल थावरचंद गहलोत और मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या तथा कर्नाटक के गणमान्य जन को महाकुंभ का निमंत्रण दिया।

मंत्री खन्ना ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है कि आयोजन ऐतिहासिक हो, जिसमें अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और अत्याधुनिक सुविधाएं हों।

रोड शो के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'महाकुंभ' भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है। यह 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत-समग्र भारत' का दिव्य और जीवंत प्रतिनिधित्व करता है।

मंत्री ने कहा, 'आपमें से कई लोगों ने साल 2019 में प्रयागराज कुंभ का 'दिव्य और भव्य' अनुभव पाया होगा, जो वैश्विक मंच पर भारत के सांस्कृतिक गौरव का अमिट प्रतीक बन गया। विश्व ने उस आयोजन के कुशल प्रबंधन को व्यापक रूप से स्वीकार किया।'

मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रयागराज में गंगा, यमुना एवं सरस्वती नदियों के संगम के पावन तट पर 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक महाकुंभ का आयोजन होगा। यह एक स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित और डिजिटल महाकुंभ होगा।'

उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की गई है। परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल बनाया गया है। 20-20 बेड के दो और अस्पताल तथा 8 बेड के छोटे अस्पताल भी तैयार किए गए हैं। मेला क्षेत्र और अरैल में सेना अस्पताल द्वारा 10 बिस्तरों वाले दो आईसीयू स्थापित किए गए हैं। इन अस्पतालों में 24 घंटे डॉक्टर तैनात रहेंगे। कुल मिलाकर 291 एमबीबीएस डॉक्टर और विशेषज्ञ, 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ और 182 नर्सिंग स्टाफ होंगे।

महाकुंभ की तैयारियों में एक समर्पित वेबसाइट और ऐप, 11 भाषाओं में एआई-संचालित चैटबॉट, लोगों और वाहनों के लिए क्यूआर-आधारित पास, डिजिटल खोया-पाया केंद्र, सफाई और टेंट के लिए आईसीटी निगरानी, ​​भूमि और सुविधा आवंटन के लिए सॉफ्टवेयर, बहुभाषी डिजिटल साइनेज (वीएमडी), स्वचालित राशन आपूर्ति प्रणाली, ड्रोन-आधारित निगरानी और आपदा प्रबंधन, 530 परियोजनाओं की निगरानी के लिए लाइव सॉफ्टवेयर, इन्वेंट्री ट्रैकिंग प्रणाली और गूगल मैप्स पर सभी स्थानों का एकीकरण शामिल है।

मंत्री कश्यप ने कहा कि महाकुंभ महज एक मेला या पवित्र जल में डुबकी लगाने का अनुष्ठान मात्र नहीं है, बल्कि यह भारत की विविधता में एकता का शाश्वत और एकीकृत उद्घोष है। महाकुंभ एक भव्य उत्सव है जो सभी मतभेदों, विवादों और विभाजनों को नदी के पवित्र प्रवाह में विसर्जित कर देता है, तथा सामाजिक सद्भाव का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह न केवल संपूर्ण भारत के लिए, बल्कि विश्वभर में भारतीय संस्कृति के अनुयायियों के लिए विशेष महत्त्व रखता है।

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