धर्म स्थान से धर्म आराधना कर जीवन में आगे बढ़ें: युवाचार्य महेंद्र ऋषि
तिरुमलिसै महावीर जैन स्थानक का हुआ लोकार्पण
अरुणा सुराणा ने कहा कि गुरुदेव ने हमारी झोली को भरकर संघ की शान को बढ़ा दिया
चेन्नई/दक्षिण भारत। श्रमण संघीय युवाचार्य महेंद्र ऋषि महाराज के सान्निध्य में बुधवार को तिरुमलिसै स्थित महावीर जैन स्थानक का लोकार्पण हुआ। समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। इस अवसर पर कंचनकंवरजी एवं राजमतिजी आदि ठाणा की निश्रा मिली। पलक मुथा ने स्वागत भाषण में कहा कि आज हमारा सपना साकार हुआ। यह स्थानक जीवन निर्माण का स्रोत है।
अरुणा सुराणा ने कहा कि आज गुरुदेव ने हमारी झोली को भरकर संघ की शान को बढ़ा दिया है। महिला मंडल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। बच्चों ने भी गीत व भावनात्मक नाटिका प्रस्तुत की। नवनिर्मित स्थानक के सहयोगियों और अतिथियों को सम्मान किया गया।युवाचार्य ने कहा कि नवनिर्मित स्थानक का उद्घाटन इस क्षेत्र की पुण्याई है। यह धर्म स्थानक आने वाली पीढ़ियों के लिए धर्म आराधना का केंद्र बन सकता है। स्थानक बनना यानी संघ की शक्ति बढ़ना है। यह सबके लिए आदर्श बन गया है। यह धर्म, परमात्मा के प्रति आस्था का बल है।
उन्होंने कहा जीवन में ठहरना और चलना दोनों महत्त्वपूर्ण हैं। जीवन में वही व्यक्ति चल सकता है, जो कुछ देर ठहर सकता है। यदि जीवन में आगे बढ़ना है तो रुकना जरूरी है। यह हमें शक्ति देता है। खाने से ऊर्जा मिलती है, विश्राम करने से हमारी शक्ति सक्रिय होती है। स्थानक ही है, जहां आपको शांति का अनुभव होगा। यहां रोजाना आकर एक सामायिक, एक नवकारावली पक्का करनी है, जिससे मन को शांति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आपके घर, व्यापार के स्ट्रेस कम होंगे। आपने दो घड़ी भी यहां आकर धर्म ध्यान की तो पूरा दिन प्रफुल्लित रहेगा। संघ के सदस्यों, युवाओं ने इस कार्य को बड़ों की धरोहर समझकर संपूर्ण किया है, वे साधुवाद के पात्र हैं। यह धर्म स्थानक मुक्ति स्थान तक पहुंचने में सहायक बने। धर्म स्थान से धर्म आराधना कर जीवन में आगे बढ़ें।
विनयश्री ने कहा कि अपने जीवन में पवित्र स्थान के निर्माण का अवसर मिला है, उससे चूकें नहीं। यह कर्म निर्जरा का स्रोत है। दिव्ययशाश्री ने कहा कि धर्म स्थान का निर्माण करना पुण्य का उपार्जन करना है। धर्म स्थानक को कभी ताला या जाला नहीं लगना चाहिए, इसका ध्यान रखें।
माम्बलम स्थानकवासी जैन संघ के अध्यक्ष डॉ. उत्तमचंद गोठी ने कहा कि आज तिरुमलिसै तीर्थ स्थान में परिवर्तित हो गया है। वर्धमान स्थानकवासी जैन महासंघ तमिलनाडु के महामंत्री धर्मीचंद सिंघवी ने कहा कि गुरुदेव का चातुर्मास शानदार तरीके से संपन्न हुआ। उन्होंने तिरुमलिसै संघ को बधाई दी और युवाचार्य की सुखद विहार यात्रा की मंगल कामना की। सपना मुथा, दिलीप सुराणा, राजेश सुराणा, वरुण मुथा, प्रकाश बोहरा ने भी विचार व्यक्त किए।
इस दौरान वर्धमान स्थानकवासी जैन महासंघ तमिलनाडु के अध्यक्ष सुरेश लुनावत, भीकमचंद लुंकड़, युवा महासंघ के अध्यक्ष आनंद बालेचा, तिरुमलिसै स्थानकवासी जैन संघ के अध्यक्ष जवरीलाल सुराणा, उपाध्यक्ष आई पदमचंद सुराणा, मंत्री एस रणजीत सुराणा, सहमंत्री एल विनोद मुथा, कोषाध्यक्ष दिलीप सुराणा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे। पदमचंद सुराणा ने कार्यक्रम का संचालन किया।