हिंदी में कार्य में प्रगति सबकी भागीदारी, प्रयास और अभ्यास से संभव: डॉ. जगदीश
कॉफी बोर्ड मुख्यालय में 'राजभाषा संगम' कार्यक्रम हुआ
हिंदी में नई पहल और प्रौद्योगिकी पर बल दिया गया
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कॉफ़ी बोर्ड मुख्यालय में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हिंदी माह-2024 का शुभारंभ 'राजभाषा संगम' कार्यक्रम से हुआ। इसके पूर्वाह्न सत्र में स्मृति पर आधारित अनुवाद टूल कंठस्थ 2.0 पर कार्यशाला एवं अपराह्न सत्र में हिंदी काव्य पाठ शामिल था।
पहले सत्र के अध्यक्षीय संबोधन में कॉफ़ी बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव डॉ. केजी जगदीश ने कहा कि कार्यालय में हिंदी में कार्य में प्रगति सबकी भागीदारी, प्रयास और अभ्यास से संभव है। उन्होंने हिंदी में नई पहल और प्रौद्योगिकी पर बल दिया।कंठस्थ 2.0 के प्रशिक्षक एवं केनरा बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा) मयंक पाठक ने टूल के इस्तेमाल और इसके लाभ के सभी पहलुओं को अभ्यास के माध्यम से बताया। कॉफ़ी बोर्ड उप निदेशक (राजभाषा) डॉ. धीरज कुमार मिश्र ने कहा कि हिंदी का विकास साहित्य, व्यापार, सिनेमा आदि सभी क्षेत्रों से हुआ है। हमें हिंदी की निरंतर सेवा करनी होगी।
दूसरे सत्र में काव्य पाठ हुआ। उसमें 26 कार्मिकों ने प्रस्तुति दी। राकास के उपाध्यक्ष एवं वित्त निदेशक एनएन नरेंद्र ने अपने संबोधन में काव्य को साहित्य की आत्मा बताते हुए इसे संवेदना और मनुष्य होने के यथार्थ स्वरूप में सहायक माना।
अतिथि कवयित्री गरिमा सक्सेना ने शृंगार, प्रेम और ज्वलंत मुद्दों के केंद्र में स्त्री की स्थिति पर काव्य पाठ से सभी को अभिभूत किया। उप निदेशक (कार्यान्वयन), क्षेकाका (दक्षिण) अनिर्बान कुमार विश्वास ने कॉफ़ी बोर्ड की इस अनूठी पहल के लिए बधाई दी एवं राजभाषा कार्यान्वयन को प्रभावी बनाने में नवाचार के साथ सभी को मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
मुख्य अतिथि एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. इसपाक अली ने कर्नाटक में हिंदी की प्रगति को रेखांकित करते हुए विषय सापेक्ष काव्य और शायरी पढ़ीं। इस अवसर पर कॉफ़ी बोर्ड के कार्मिक सहित बेंगलूरु में स्थित उपक्रम, बैंक, बीमा और सरकारी कार्यालयों से लगभग 75 अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
कार्यक्रम में उत्कृष्ट काव्य पाठ करने वालों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन सी मादप्पा, अनुश्री पीएस ने किया। उषा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।