क्या मोदी का विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाकर ध्यान करना आचार संहिता का उल्लंघन होगा?

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस मामले पर टिप्पणी की

क्या मोदी का विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाकर ध्यान करना आचार संहिता का उल्लंघन होगा?

इस संबंध में आचार्य सत्येंद्र दास ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना का जवाब दिया

अयोध्या/दक्षिण भारत। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कन्याकुमारी में ध्यान के लिए निर्धारित कार्यक्रम के संबंध में उठे विवाद पर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि इस तरह का आध्यात्मिक कार्य आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है।

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उन्होंने कहा कि आचार संहिता का उल्लंघन क्या है, यह निर्धारित करने के लिए कानून है। अगर कोई व्यक्ति मंदिर जाता है और आध्यात्मिक कारणों से ध्यान करता है तो यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को भी यह बात पता है और विपक्ष को भी। चूंकि यह प्रधानमंत्री के बारे में है, ध्यान से उन्हें जो ऊर्जा मिलती है, वही उन्हें जीत दिलाती है।

सत्येंद्र दास ने कहा कि विपक्ष खासकर कांग्रेस यह जानती है और इसलिए वे प्रधानमंत्री को तीसरी बार जीतने से रोकने के लिए हर चीज का विरोध कर रहे हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के समापन के बाद 30 मई से 1 जून तक तमिलनाडु के कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल का दौरा करेंगे और वहां ध्यान करेंगे।

इस संबंध में आचार्य सत्येंद्र दास ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना का भी जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि देश का हित किसमें है। अगर प्रधानमंत्री कन्याकुमारी में ध्यान करने जा रहे हैं तो यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे गलत हैं।

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