राम मंदिर, गणतंत्र, खेलकूद और परीक्षा ... ‘मन की बात’ में यह बोले मोदी

'हमारे लोकतंत्र के ये पर्व मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत को और सशक्त बनाते हैं'

राम मंदिर, गणतंत्र, खेलकूद और परीक्षा ... ‘मन की बात’ में यह बोले मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि रेडियो की ताकत कितना बदलाव ला सकती है, इसकी एक अनूठी मिसाल छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रही है

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों के साथ अपने विचार साझा किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि दो दिन पहले हम सभी देशवासियों ने 75वां गणतंत्र दिवस बहुत धूमधाम से मनाया है। इस साल हमारे संविधान के भी 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं और उच्चतम न्यायालय के भी 75 वर्ष हो रहे हैं। हमारे लोकतंत्र के ये पर्व मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत को और सशक्त बनाते हैं। 

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प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर ने देश के करोड़ों लोगों को मानो एक सूत्र में बांध दिया है। सबकी भावना एक, सबकी भक्ति एक, सबकी बातों में राम, सबके हृदय में राम। देश के अनेक लोगों ने इस दौरान राम भजन गाकर उन्हें श्रीराम के चरणों में समर्पित किया। 22 जनवरी की शाम को पूरे देश ने रामज्योति जलाई, दिवाली मनाई। प्रभु राम का शासन, हमारे संविधान निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत था और इसलिए 22 जनवरी को अयोध्या में मैंने ‘देव से देश’ की बात की थी, ‘राम से राष्ट्र’ की बात की थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार 26 जनवरी की परेड बहुत ही अद्भुत रही, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा परेड में नारी शक्ति को देखकर हुई, जब कर्त्तव्य पथ पर, केंद्रीय सुरक्षा बलों और दिल्ली पुलिस की महिला टुकड़ियों ने कदमताल शुरू किया, तो सभी गर्व से भर उठे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार 13 महिला एथलीट को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इन एथलीट्स ने अनेक बड़े टूर्नामेंट्स में हिस्सा लिया और भारत का परचम लहराया। बदलते हुए भारत में हर क्षेत्र में हमारी बेटियां, देश की महिलाएं कमाल करके दिखा रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक और क्षेत्र है, जहां महिलाओं ने अपना परचम लहराया है, वो है - स्वयं-सहायता समूह। आज महिला स्वयं-सहायता समूह की देश में संख्या भी बढ़ी है और उनके काम करने के दायरे का भी बहुत विस्तार हुआ है। वह दिन दूर नहीं, जब आपको गांव-गांव में, खेतों में, नमो ड्रोन दीदियां ड्रोन के माध्यम से खेती में मदद करती हुई दिखाई देंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार भी ऐसे अनेक देशवासियों को पद्म सम्मान दिया गया है, जिन्होंने जमीन से जुड़कर समाज में बड़े-बड़े बदलाव लाने का काम किया है। इन प्रेरणादायक लोगों की जीवन-यात्रा के बारे में जानने को लेकर देश-भर में बहुत उत्सुकता दिखी है। मीडिया की हैडलाइंस से दूर, अखबारों के फ्रंट पेज से दूर, ये लोग बिना किसी लाइम-लाइट के समाज की सेवा में जुटे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार साल 2014 की तुलना में 28 गुना ज्यादा नामांकन प्राप्त हुए। हमारे बीच ही कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो जीवन के अंत के बाद भी समाज जीवन के प्रति अपने दायित्वों को निभाते हैं और इसके लिए उनका माध्यम होता है- अंगदान। हाल के वर्षों में देश में एक हजार से अधिक लोग ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अपनी मृत्यु के बाद अपने अंगों का दान कर दिया। यह निर्णय आसान नहीं होता, लेकिन कई जिंदगियों को बचाने वाला होता है। आज देश में बहुत से संगठन भी इस दिशा में बहुत प्रेरक प्रयास कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा से जुड़े डेटा और शब्दावली का वर्गीकरण किया है, इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मदद की है। दोनों के प्रयासों से आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा में बीमारी और इलाज से जुड़ी शब्दावली की कोडिंग कर दी गई है। इस कोडिंग की मदद से अब सभी डॉक्टर प्रिस्क्रीप्शन या अपनी पर्ची पर एक जैसी भाषा लिखेंगे। इसका एक फायदा ये होगा कि अगर आप वो पर्ची लेकर दूसरे डॉक्टर के पास जाएंगे तो डॉक्टर को इसकी पूरी जानकारी उस पर्ची से ही मिल जाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यानुंग अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली हैं और हर्बल औषधि विशेषज्ञ हैं। इन्होंने आदि जनजाति की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को पुनर्जीवित करने के लिए काफी काम किया है। इस योगदान के लिए उन्हें इस बार पद्म सम्मान भी दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार छत्तीसगढ़ के हेमचंद मांझी को भी पद्म सम्मान मिला है। वैद्यराज हेमचंद मांझी भी आयुष चिकित्सा पद्धति की मदद से लोगों का इलाज करते हैं। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में गरीब मरीजों की सेवा करते हुए उन्हें पांच दशक से ज्यादा का समय हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रेडियो की ताकत कितना बदलाव ला सकती है, इसकी एक अनूठी मिसाल छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रही है। बीते करीब 7 वर्षों से यहां रेडियो पर एक लोकप्रिय कार्यक्रम का प्रसारण हो रहा है, जिसका नाम है हमर हाथी-हमर गोठ। नाम सुनकर आपको लग सकता है कि रेडियो और हाथी का भला क्या कनेक्शन हो सकता है, लेकिन यही तो रेडियो की खूबी है! हमर हाथी-हमर गोठ कार्यक्रम में बताया जाता है कि हाथियों का झुण्ड जंगल के किस इलाके से गुजर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 जनवरी को हम सभी ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया है। यह हमारी गौरवशाली लोकतांत्रिक परम्पराओं के लिए एक अहम दिन है। भारत का हर नागरिक, अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल कर पाए, इसके लिए हमारा चुनाव आयोग ऐसे स्थानों पर भी पोलिंग बूथ बनवाता है, जहां सिर्फ एक वोटर हो। मैं चुनाव आयोग की सराहना करना चाहूंगा, जिसने देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश पंजाब केसरी लाला लाजपत राय को श्रद्धांजलि दे रहा है। लालाजी स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे सेनानी रहे, जिन्होंने विदेशी शासन से मुक्ति दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। लालाजी के व्यक्तित्व को सिर्फ आजादी की लड़ाई तक सीमित नहीं किया जा सकता, वे बहुत दूरदर्शी थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज फील्ड मार्शल केएम करियप्पी को भी श्रद्धापूर्वक नमन करने का दिन है। उन्होंने इतिहास के महत्वपूर्ण दौर में हमारी सेना का नेतृत्व कर साहस और शौर्य की मिसाल कायम की थी। हमारी सेना को शक्तिशाली बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में नए-नए खेलकूद टूर्नामेंट आयोजित किए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले ही चेन्नई में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का उद्घाटन किया। इसमें देश के 5 हजार से ज्यादा एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। मुझे खुशी है कि आज भारत में लगातार ऐसे नए मंच तैयार हो रहे हैं, जिनमें खिलाड़ियों को सामर्थ्य दिखाने का मौका मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 29 तारीख को सुबह 11 बजे हम ‘परीक्षा पे चर्चा’ भी करेंगे। यह इसका 7वां संस्करण होगा। यह एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसका मैं हमेशा इंतज़ार करता हूं। इससे मुझे विद्यार्थियों के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है और मैं उनके परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने का भी प्रयास करता हूं। पिछले 7 वर्षों में ‘परीक्षा पे चर्चा’ शिक्षा और परीक्षा से संबंधित कई मुद्दों पर बातचीत करने का एक बहुत अच्छा माध्यम बनकर उभरा है।

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