पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगानी होगी: उच्चतम न्यायालय
पीठ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय परिणाम देखना चाहता है
शीर्ष अदालत वायु प्रदूषण पर पर्यावरणविद् एमसी मेहता द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही है
नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब और दिल्ली से सटे कुछ अन्य राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं रोकनी होंगी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए समाधान खोजना होगा।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु प्रदूषण से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि प्रदूषण से जुड़ी कई रिपोर्ट और समितियां हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हो रहा।
पीठ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय परिणाम देखना चाहता है। न्यायालय को बताया गया कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
शीर्ष अदालत वायु प्रदूषण पर 1985 में पर्यावरणविद् एमसी मेहता द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही है और इसी मामले की सुनवाई के दौरान पराली जलाए जाने का मुद्दा उठा।
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