उडुपी: नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोप में शख्स को 20 साल की जेल
आरोप पत्र के अनुसार, उस व्यक्ति ने 15 वर्षीय नाबालिग लड़की से दोस्ती की
अदालत ने साक्ष्य के अभाव में मामले के अन्य आरोपियों को बरी कर दिया
उडुपी/दक्षिण भारत। उडुपी जिला अतिरिक्त एवं सत्र न्यायालय (पोक्सो कोर्ट) ने चार साल पहले कोटा पुलिस सीमा में एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोप में 32 वर्षीय व्यक्ति को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
न्यायाधीश श्रीनिवास सुवर्णा ने पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के आधार पर उडुपी जिले के ब्रह्मवर तालुक के बालाकुडरू निवासी ए अशोक को अपराध का दोषी पाया और उस पर 23,000 रुपए का जुर्माना लगाने के अलावा 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।आरोप पत्र के अनुसार, उस व्यक्ति ने 15 वर्षीय नाबालिग लड़की से दोस्ती की और एक दिन उसे अपनी कार से स्कूल छोड़ने के बहाने उसके साथ जबरदस्ती की और एक अन्य आरोपी के घर ले गया।
उसने नाबालिग लड़की का यौन शोषण किया और उसे वापस घर छोड़ दिया। उसने उसे धमकी भी दी और इस कृत्य के बारे में किसी को भी न बताने के लिए कहा था।
लड़की ने मामले का खुलासा परिवार के सदस्यों के सामने किया, जिन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। तत्कालीन डिप्टी एसपी जयशंकर द्वारा जांच की गई, जिन्होंने पॉक्सो कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया।
अदालत ने जुर्माने की रकम में से 13 हजार रुपए पीड़िता को देने का निर्देश दिया। अदालत ने सरकार को लड़की को एक लाख रुपए का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।
हालांकि, अदालत ने साक्ष्य के अभाव में मामले के अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से वकील वाईटी राघवेंद्र और हरिश्चंद्र पेश हुए।