मानसून में जल संरक्षण जरूरी, तुरंत करें शुरुआत: अर्चना वर्मा
'जल प्रहरी' के लिए नामांकन हुए शुरू

राष्ट्रीय जल मिशन द्वारा देशभर में कुओं, नदियों, तालाबों के पानी के संरक्षण के लिए कार्य किए जा रहे हैं
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून की बारिश हो रही है और यह समय जल संरक्षण के लिए भी जरूरी है। मानसून में किए गए प्रयास पूरे साल के लिए जल स्रोतों को पुनर्जीवित करते हैं। इसलिए जल संरक्षण के छोटे-छोटे प्रयास भी प्रभावी साबित हो सकते हैं। ये प्रयास तुरंत शुरू किए जाएं।
देशभर के जल संरक्षणकर्ताओं से यह अपील राष्ट्रीय जल मिशन की मिशन निदेशक एवं भारत सरकार की अतिरिक्त सचिव अर्चना वर्मा ने जल प्रहरी समारोह के नामांकन का शुभारंभ करते हुए की। उन्होंने देश के गांव ही नहीं, शहरों में भी जल संरक्षण पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय जल मिशन द्वारा देशभर में कुओं, नदियों, तालाबों के पानी के संरक्षण के लिए कार्य किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में जल प्रहरी के संयोजक अनिल सिंह और सरकारी टेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमेया साठे ने देशभर के सभी विश्वविद्यालयों एवं स्कूलों के प्रबंधन, विद्यार्थियों से कहा कि वे जल संरक्षण के उपाय अपनाएं। उन्होने बताया कि अक्टूबर में दिल्ली में आयोजित होने वाले जल प्रहरी समारोह में जल आत्मनिर्भर भारत के लिए किए जा रहे प्रयासों पर वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों व जल संरक्षकों द्वारा विचार-विमर्श किया जाएगा।
बता दें कि उल्लेखनीय जल संरक्षण कार्य करने वालों को हर साल जल प्रहरी सम्मान दिया जाता है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय जल मिशन और सरकारी टेल एवं जल प्रहरी के बीच जल संरक्षण कार्यक्रम के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय जल मिशन के कई अधिकारी भी मौजूद थे।
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