कुछ दलों की स्वार्थ भरी राजनीति के कारण विकास का लाभ दूर-दराज के इलाकों तक नहीं पहुंचा: मोदी

प्रधानमंत्री ने पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया

कुछ दलों की स्वार्थ भरी राजनीति के कारण विकास का लाभ दूर-दराज के इलाकों तक नहीं पहुंचा: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में हमारा भारत कहीं से कहीं पहुंच सकता था

पोर्ट ब्लेयर/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि टर्मिनल की वर्तमान प्रतिदिन क्षमता 4,000 पर्यटकों को संभालने की है, जबकि इस एकीकृत टर्मिनल के शुरू होने के बाद नई क्षमता प्रतिदिन 11,000 पर्यटकों की होगी।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्यादा फ्लाइट्स और ज्यादा पर्यटक आने का सीधा मतलब है ज्यादा से ज्यादा रोजगार। पोर्ट ब्लेयर की इस नई टर्मिनल बिल्डिंग से ईज ऑफ ट्रेवल बढ़ेगा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ेगा और कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक भारत में विकास का दायरा कुछ बड़े शहरों और कुछ क्षेत्रों तक सीमित रहा। कुछ दलों की स्वार्थ भरी राजनीति के कारण विकास का लाभ देश के दूर-दराज वाले इलाकों तक पहुंचा ही नहीं। ये दल उन्हीं कामों को प्राथमिकता देते थे, जिसमें इनका खुद का भला हो, इनके परिवार का भला हो। नतीजा यह हुआ कि हमारे आदिवासी क्षेत्रों और द्वीपों की जनता विकास से वंचित रही, विकास के लिए तरसती रही।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे से पहले की सरकार के 9 साल में अंडमान-निकोबार को करीब 23,000 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था। जबकि हमारी सरकार के दौरान अंडमान-निकोबार के विकास के लिए 9 वर्षों में करीब 48 हजार करोड़ रुपए का बजट दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में अंडमान-निकोबार में करीब 28 हजार घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया था। हमारी सरकार में यहां के करीब 50 हजार घरों में पानी का कनेक्शन पहुंचाया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि वर्ष 2018 में मैंने अंडमान में उसी स्थान पर तिरंगा लहराया, जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने झंडा फहराया था। यह हमारी ही सरकार है, जिसने रॉस आइलैंड को नेताजी सुभाष का नाम दिया। यह हमारी ही सरकार है, जिसने हेवलॉक और नील आइलैंड को स्वराज और शहीद आइलैंड का नाम दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में हमारा भारत कहीं से कहीं पहुंच सकता था। हम भारतीयों की सामर्थ्य में कभी कोई कमी नहीं रही है, लेकिन सामान्य भारतीय की इस सामर्थ्य के साथ भ्रष्टाचारी और परिवारवादी पार्टियों ने अन्याय किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के लोग वर्ष 2024 के चुनाव में फिर एक बार हमारी सरकार वापस लाने का मन बना चुके हैं, निर्णय ले चुके हैं। ऐसे में भारत की बदहाली के जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोलकर बैठ गए हैं। इन्हें देखकर मुझे एक कविता की कुछ लाइनें याद आ गई है, जो अवधी भाषा में लिखी गई है - 

'गाइत कुछ है, हाल कुछ है, लेबल कुछ है, माल कुछ है।'

24 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर यह बिल्कुल सटीक बैठता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग देश के लोकतंत्र और संविधान को अपना बंधक बनाना चाहते हैं। इनके लिए मैं ये ही कहना चाहूंगा - 

नफरत है, घोटाले हैं
तुष्टीकरण है, मन काले हैं,
परिवारवाद की आग के दशकों से देश हवाले है।

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