लोन ऐप का जंजाल

इन ऐप्स से चीन का संबंध भी सामने आ रहा है, जो अत्यंत चिंता का विषय है

लोन ऐप का जंजाल

हमारे समाज में यह क्या हो रहा है?

देश में तेजी से पनप रहीं लोन ऐप कंपनियों पर नियंत्रण की जरूरत है। ये चुटकियों में लोन उपलब्ध कराने का दावा करती हैं, इसलिए कई लोग इनकी ओर आकर्षित हो जाते हैं। जब रकम चुकाने की बारी आती है तो कंपनी की ओर से कड़ी शर्तें रखी जाती हैं। अब तक इनकी मनमानियों के चलते कई लोग आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठा चुके हैं। 

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इन ऐप्स से चीन का संबंध भी सामने आ रहा है, जो अत्यंत चिंता का विषय है। चीन किसी का कितना 'हितैषी' है, यह बताने की ज़रूरत नहीं है! कर्नाटक के बेंगलूरु में एक छात्र ने ऐसी ही एक ऐप कंपनी से लोन लिया था। उसके बाद ऐप के एजेंट उस पर दबाव बनाने लगे। उसकी अंतरंग तस्वीरें सार्वजनिक करने की धमकी देने लगे। 

यह भी कहा जा रहा है कि इस छात्र ने अपने किसी दोस्त के लिए यह रकम उधार ली थी। उसे भुगतान करना था, लेकिन नहीं किया। आखिरकार छात्र ने अपना जीवन समाप्त कर लिया। मध्य प्रदेश के भोपाल में एक ऐप की वजह से पूरा परिवार ही खत्म हो गया। एक शख्स ने आठ साल के बेटे और तीन साल की बेटी को जहर देकर उन्हें मौत के घाट उतारा। फिर पत्नी के साथ फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली! वजह थी- लोन ऐप का जंजाल। 

हमारे समाज में यह क्या हो रहा है? इन घटनाओं को रोजाना की ख़बरें समझकर आगे बढ़ जाना बड़ी भूल होगी। अब हमें इनकी जड़ तक जाना होगा और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवाज उठानी होगी। भोपाल की घटना में घर के मुखिया ने आत्महत्या से पहले जो चिट्ठी लिखी, उसे पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उस व्यक्ति ने कितना लाचार होकर यह चिट्ठी लिखी होगी! उसे लोन ऐप ने इस कदर जकड़ लिया था कि छुटकारा पाने का कोई रास्ता नजर नहीं आया।

कुछ महीने पहले तक यह परिवार सामान्य ढंग से जीवन जी रहा था। किसी तरह की कोई चिंता नहीं थी। फिर अप्रैल में घर के मुखिया के मोबाइल फोन (वॉट्सऐप और टेलीग्राम, दोनों) पर ऑफर आया कि पार्ट टाइम ऑनलाइन काम करना चाहते हैं तो हमसे जुड़ें। उसके बाद वह शख्स उससे जुड़ गया। उसे शुरुआत में कुछ रुपए मिले, जिससे उसका विश्वास मजबूत हो गया। फिर वह उस काम को ज्यादा समय देने लगा। उसे पता भी नहीं चला कि वह कितने बड़े संकट में फंस चुका है। 

उस पर दबाव बनाया जा रहा था कि ऑर्डर पूरा करें और अपना कमीशन निकालें। कमीशन निकालना तो दूर, इस कोशिश में वह खुद कर्ज में फंस गया। जब कंपनी को उसकी आर्थिक स्थिति का पता चला तो लोन ऑफर किया। वह रकम भी डूब गई। ऑनलाइन जॉब और ऑनलाइन लोन के चक्रव्यूह ने इस परिवार को ऐसा फंसाया कि किसी से अपनी पीड़ा साझा नहीं कर सकता था। 

आखिरकार घर के मुखिया ने ग़लत कदम उठा लिया। यह पहली घटना नहीं है, जब ऑनलाइन जॉब और ऑनलाइन लोन के कारण किसी को इतना बड़ा नुकसान हुआ। इसी साल अप्रैल में राजस्थान में एक महिला का मामला बहुत चर्चा में रहा था, जिन्हें ऑनलाइन जॉब और मोटी कमाई का झांसा देकर ठगों ने 43 लाख रुपए ऐंठ लिए थे। इसी तरह नोएडा में भी एक युवती से ‘पार्ट टाइम जॉब’ के नाम पर साइबर ठगों ने 8.77 लाख रुपए ठग लिए थे। 

प्राय: ऐसे मामलों में सबसे पहले यह मैसेज आता है कि यूट्यूब पर वीडियो लाइक कर रोज़ाना हजारों रुपए कमाएं। बस, आसानी से अमीर होने के लालच में लोग झांसे में आ जाते हैं। अगर कुछ वीडियो लाइक करने से ही कोई अमीर हो सकता है तो यह काम देने वाला व्यक्ति खुद ही लाइक क्यों नहीं कर लेता? एक लाइक में बमुश्किल एक सेकंड लगता है। 

वहीं, चुटकियों में लोन देने वाली ऐप कंपनियों को लेकर खुद से यह सवाल जरूर पूछना चाहिए कि जब बड़े-बड़े बैंक किसी व्यक्ति को लोन देने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करते हैं, दस्तावेज देखते हैं, फिर कोई ऐप (जिसका इतना मजबूत आर्थिक ढांचा नहीं) इतनी आसानी से लोन क्यों दे रही है? कहीं यह कोई जाल तो नहीं? 

निस्संदेह जहां 'ईज़ी मनी' है, वहां बहुत बड़ा जोखिम है, इसलिए ऐसी ऐप से दूर रहने में ही भलाई है। सरकार को इन पर सख्ती करनी चाहिए, अन्यथा ये कई परिवारों के लिए मुसीबत पैदा करेंगी।

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