आगे बढ़ते जाना है ...

जो चुने गए, वे निस्संदेह प्रतिभाशाली हैं, लेकिन जो नहीं चुने गए, निस्संदेह वे भी प्रतिभाशाली हैं

आगे बढ़ते जाना है ...

परीक्षा में सफलता प्राप्त कर चुके सभी अभ्यर्थियों को अनेक शुभकामनाएं

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों में बेटियों ने इतिहास रच दिया। शीर्ष चार स्थानों पर उनका ही दबदबा रहा। परीक्षा में सफलता प्राप्त कर चुके सभी अभ्यर्थियों को अनेक शुभकामनाएं। वास्तव में आपने अभी परीक्षा का पहला ही चरण उत्तीर्ण किया है। असल परीक्षा तो आनेवाली है। 

जब आप प्रशिक्षण प्राप्त कर कार्यभार संभालेंगे तो देशसेवा के क्षेत्र में हर रोज परीक्षा देनी होगी। जीवन में कई लम्हे ऐसे आएंगे, जब आपको विभिन्न कसौटियों पर परखा जाएगा। आपके लिए सत्यनिष्ठा के साथ कर्त्तव्यों का निर्वहन करना ही एकमात्र मार्ग होना चाहिए। आज सभी अख़बारों और सोशल मीडिया में आपकी कामयाबी के चर्चे हैं। 

देश को आपसे बहुत आशाएं हैं। परीक्षा में सफलता के बाद मिला यह पद मात्र नौकरी नहीं है। यह आपको शक्ति देता है, जिसका सदुपयोग कर अनेक लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं, उस भारत का निर्माण कर सकते हैं, जिसका स्वप्न महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल आदि महापुरुषों ने लिया था। 

इस पद के साथ प्रतिष्ठा तो आएगी ही, उसके पीछे-पीछे कई और 'चीज़ें' आएंगी। आपको विवेक का दीपक सदैव प्रज्वलित रखना है। जहां विवेक का लोप होगा, विकार जाग जाएंगे, प्रबल हो जाएंगे। उस स्थिति से दूर रहना है। उसने बड़ी-बड़ी प्रतिभाओं को कलंकित कर दिया। वे सजग रहते तो बच सकते थे, लेकिन कालांतर में अपयश के भागी हुए। इतने अध्ययन और परिश्रम का जब यह नतीजा निकलता है तो दु:ख होता है। 

जिस प्रतिभा पर राष्ट्र-निर्माण के यज्ञ में भागीदार होने का बहुत बड़ा उत्तरदायित्व है, उसे अपने हिस्से की आहुति देकर अच्छाई और सच्चाई की सुगंध फैलाना है। साथ ही सजग भी रहना है, ताकि कोई इस महायज्ञ में बाधा न डाल पाए। चाहे कोई कितना ही डिगाने की कोशिश करे, प्रलोभन दे ... आपको अपनी शपथ का अक्षरश: पालन करते हुए अडिग रहना है।

जिनका नाम सफल अभ्यर्थियों की सूची में नहीं है, वे स्वयं को असफल न मानें। सफलता सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आप एक परीक्षा की मेरिट सूची में आ गए। हर व्यक्ति के सन्दर्भ में इसकी परिभाषा अलग होती है। सिविल सेवा परीक्षा में बहुत कड़ा मुकाबला होता है। एक-एक अंक के आधार पर रैंक में परिवर्तन आ जाता है। 

चूंकि पद भी सीमित हैं, इसलिए यह संभव नहीं कि हर अभ्यर्थी चुन लिया जाए। जो चुने गए, वे निस्संदेह प्रतिभाशाली हैं, लेकिन जो नहीं चुने गए, निस्संदेह वे भी प्रतिभाशाली हैं। आपने इस परीक्षा की तैयारी के दौरान इतना ज्ञान अर्जित कर लिया है, जो जीवन में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। आप इसके बूते समाज में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं। उन अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन कर सकते हैं, जो भविष्य में परीक्षा देंगे। 

आज सोशल मीडिया ने उन 'गुरुओं' को बड़ा मंच दे दिया है, जहां वे महानगर से लेकर ढाणी तक की प्रतिभाओं को निखार रहे हैं। उनमें से कुछ तो पहले सिविल सेवा में थे। उन्होंने अपने ज्ञान की उचित अभिव्यक्ति के लिए नया रास्ता चुना और वहां खूब चमक रहे हैं। निस्संदेह परीक्षा में सफलता बड़े रास्ते खोलती है, लेकिन जो धुन के धनी होते हैं, वे इस मार्ग के कड़वे अनुभवों से निराश नहीं होते। 

अब एक सत्य घटना पढ़िए। एक प्रतिभाशाली युवक आसमान में 'ऊंची' उड़ान भरना चाहता था। साधारण परिवार से आनेवाले उस युवक ने भारतीय वायुसेना में पायलट भर्ती की परीक्षा दी, लेकिन उसका चयन नहीं हुआ। सिर्फ नौ अभ्यर्थियों के लिए जगह थी और वह युवक उनमें 10वां था। उसने इस 'असफलता' को खुद पर हावी नहीं होने दिया। उसने अपने ज्ञान के बल पर नई राह चुनी और देश का विख्यात वैज्ञानिक बनकर एक दिन राष्ट्रपति के पद को सुशोभित किया। आज हम सब उन्हें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जानते हैं। 

जो डॉ. कलाम कभी वायुसेना में पायलट बनते-बनते रह गए थे, वे बाद में तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर बन गए। इसलिए न तो हताश होना है, न निराश होना है। जो ज्ञान अर्जित किया है, उसका प्रकाश करना है और आगे बढ़ते जाना है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

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