राजस्थानः सचिन पायलट के अनशन के बीच क्या बोले अशोक गहलोत?
उन्होंने कहा कि इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने ऐसी योजनाएं बनाई हैं
गहलोत ने राज्य सरकार के प्रस्तावित ‘महंगाई राहत शिविरों की जानकारी देते हुए एक वीडियो संदेश जारी किया
जयपुर/भाषा। कांग्रेस नेता सचिन पायलट के अपनी ही पार्टी की अगुवाई वाली राजस्थान सरकार के खिलाफ एक दिवसीय अनशन पर बैठने के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान को साल 2030 तक देश में अव्वल राज्य बनाना उनका सपना है। उन्होंने कहा कि इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने ऐसी योजनाएं बनाई हैं, जो किसी और राज्य में नहीं हैं।
पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई चेतावनी को दरकिनार करते हुए मंगलवार को पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर यहां शहीद स्मारक पर एक दिवसीय ‘अनशन’ शुरू किया।वहीं, गहलोत ने मंगलवार को राज्य सरकार के प्रस्तावित ‘महंगाई राहत शिविरों की जानकारी देते हुए एक वीडियो संदेश जारी किया। राज्य भर में ये शििवर 24 अप्रैल से शुरू होंगे, जहां सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए पंजीकरण करवाया जा सकेगा।
गहलोत ने सोशल मीडिया पर जारी इस वीडियो संदेश में कहा, मैंने तय किया है कि साल 2030 तक मुझे राजस्थान को देश का ‘नंबर एक’ राज्य बनाना है। इस सपने को साकार करने के लिए पिछले चार बजट और इस साल के ‘बचत राहत बढ़त’ वाले बजट में मैंने ऐसी योजनाएं बनाई हैं, जो किसी दूसरे राज्य में नहीं हैं।
राज्य सरकार की ‘चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा’ योजना सहित अन्य योजनाओं की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा, किसी और राज्य में जनता को 25 लाख रुपए का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा नहीं मिल रहा है, किसी भी राज्य में 500 रुपए में गैस सिलेंडर नहीं भरवाया जा रहा है। न ही ऐसी किसी योजना पर विचार किया जा रहा है। सिर्फ राजस्थान में 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है, वह भी बिना किसी प्रीमियम के।
उन्होंने कहा, इस तरह से और भी बहुत सारे ऐतिहासिक फैसले किए गए हैं, जिनसे राजस्थान के लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी, उनके पैसे की बचत होगी और आज की इस बचत से हमारी आने वाली पीढ़ी को बढ़त मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन 2030’ को सफल करने के लिए अभी बहुत कुछ करना है। इस दिशा में पहला कदम ‘बचत राहत बढ़त’ वाला बजट था। गहलोत के अनुसार, कई कारणों से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक समय पर नहीं पहुंच पाती या वे इसका लाभ नहीं उठा पाते। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान निकालने के लिए उन्होंने एक नई पहल (महंगाई राहत शिविर) की है।
उन्होंने कहा, बचत राहत बढ़त वाले बजट की दस नई योजनाओं के लाभ उन लोगों को मिलेंगे, जो इसके असली हकदार हैं और अपने हक के लाभ की मांग करेंगे। 24 अप्रैल से पूरे राजस्थान में हजारों महंगाई राहत शिविर लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे महंगाई राहत शििवर में आकर सरकार की दस महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ लेने के लिए पंजीकरण जरूर करवाएं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इसके तहत 24 अप्रैल से 30 जून तक ‘प्रशासन गांवों/शहरों के संग’ अभियान के साथ-साथ महंगाई राहत शिविर आयोजित होंगे। इनमें आमजन और वंचित वर्ग को जनोपयोगी घोषणाओं के बारे में जानकारी देकर पात्रता अनुसार योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
इन शिविरों में मुख्यमंत्री गैस सिलेंडर योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना, महात्मा गांधी नरेगा, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, पालनहार योजना, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ ही आमजन को मौके पर ही योजनाओं का लाभ मिलेगा। शिविरों में जनाधार कार्ड में सम्मिलित कोई भी वयस्क सदस्य पात्रता अनुसार पंजीकरण भी करा सकता है।
उल्लेखनीय है कि गहलोत व पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर लंबे समय से खींचतान जारी है। साल 2020 में पायलट ने कुछ विधायकों के साथ गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। इसके बाद राज्य में लगभग एक महीने तक राजनीतिक संकट रहा, जो पार्टी आलाकमान से पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने का आश्वासन मिलने के बाद समाप्त हो गया था।