'श्री अन्न' भी बन रहा भारत में समग्र विकास का माध्यम: मोदी

प्रधानमंत्री ने पूसा में ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन का उद्घाटन किया

'श्री अन्न' भी बन रहा भारत में समग्र विकास का माध्यम: मोदी

'जब हम किसी संकल्प को आगे बढ़ाते हैं, तो उसे सिद्धि तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम होती है'

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां पूसा में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन जैसे आयोजन न सिर्फ ग्लोबल गुड्स के लिए जरूरी हैं, बल्कि ग्लोबल गुड्स में भारत की बढ़ती जिम्मेदारी के भी प्रतीक हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम किसी संकल्प को आगे बढ़ाते हैं, तो उसे सिद्धि तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम होती है। मुझे खुशी है कि आज विश्व जब अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर मना रहा है, तो भारत इस अभियान की अगुवाई कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मिलेट्स को अब 'श्री अन्न' के नाम से जाना जाता है। यह सिर्फ भोजन या कृषि तक ही सीमित नहीं है। श्री अन्न अब भारत के संपूर्ण विकास का माध्यम बन रहे हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे युवा साथी किस प्रकार के नए-नए स्टार्टअप लेकर इस क्षेत्र में आए हैं, यह भी अपने आप में प्रभावित करने वाला है। यह सब भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री अन्न को वैश्विक आंदोलन बनाने के लिए हमने अथक प्रयास किए हैं। हमने साल 2018 में मिलेट्स को पोषक अनाज घोषित किया था। इसे हासिल करने के लिए किसानों को जागरूक किया और बाजार में रुचि पैदा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'श्री अन्न' केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं हैं। जो लोग भारत की परंपराओं से परिचित हैं, वे यह भी जानते हैं कि हमारे यहां किसी के आगे 'श्री' ऐसे ही नहीं जुड़ता है। जहां 'श्री' होती है, वहां समृद्धि भी होती है और समग्रता भी होती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में मिलेट मुख्य रूप से 12-13 राज्यों में उगाया जाता है। हालांकि, इन राज्यों में प्रति व्यक्ति घरेलू खपत दो-तीन किलोग्राम प्रतिमाह से अधिक नहीं थी। आज यह बढ़कर 14 किग्रा प्रतिमाह हो गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री अन्न यानी कम पानी में ज्यादा फसल की पैदावार। श्री अन्न यानी केमिकल मुक्त खेती का बड़ा आधार। श्री अन्न यानी क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने में मददगार।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'श्री अन्न' भी भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है। इसमे गांव भी जुड़ा है और गरीब भी जुड़ा है। श्री अन्न यानी देश के छोटे किसानों के समृद्धि का द्वार। श्री अन्न यानी देश के करोड़ों लोगों के पोषण का कर्णधार। श्री अन्न यानी देश के आदिवासी समाज का सत्कार।

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