सिलिकॉन वैली बैंक के जमाकर्ताओं को मिलेगी यह बड़ी राहत
जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए एफडीआईसी को कदम उठाने की मंजूरी
अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक को कैलिफोर्निया के वित्तीय सुरक्षा एवं नवोन्मेष विभाग ने शुक्रवार को बंद कर दिया था
वॉशिंगटन/भाषा। अमेरिका के बड़े बैंक सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) के दिवालिया होने के बीच देश की बैंकिग प्रणाली में जनता का भरोसा मजबूत बनाए रखने और अमेरिका की अर्थव्यवस्था की रक्षा करने के उद्देश्य से बाइडन प्रशासन ने घोषणा की है कि इस बैंक के जमाकर्ता सोमवार से अपने धन का उपयोग कर सकेंगे।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) और केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की अनुशंसा मिलने तथा राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ हुए विचार-विमर्श के बाद वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने बैंक का समाधान पूरा करने, साथ ही जमाकर्ताओं के हितों की पूरी तरह से रक्षा करने के लिए एफडीआईसी को कदम उठाने की मंजूरी दे दी है।अमेरिका के 16वें सबसे बड़े बैंक कैलिफोर्निया स्थित सिलिकॉन वैली बैंक को कैलिफोर्निया के वित्तीय सुरक्षा एवं नवोन्मेष विभाग ने शुक्रवार को बंद कर दिया था। उसने एफडीआईसी को बैंक का समाधानकर्ता नियुक्त किया है।
बैंक तब संकट में फंस गया, जब वेंचर कैपिटल कंपनियों और उनके द्वारा समर्थित कंपनियों समेत उसके ग्राहकों ने अपनी जमा राशि निकालनी शुरू कर दी।
अमेरिका के वित्त मंत्रालय, फेडरल रिजर्व और एफडीआईसी की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘बैंक के जमाकर्ता सोमवार, 13 मार्च से अपने पूरे धन का उपयोग कर सकेंगे। सिलिकॉन वैली बैंक के समाधान से जुड़े नुकसान का भार करदाताओं को नहीं उठाना होगा।’
बयान में, न्यूयॉर्क के सिग्नेचर बैंक के लिए भी इसी तरह के व्यवस्थित जोखिम अपवाद की घोषणा की गई है। इस बैंक को सोमवार को बंद कर दिया गया।
एसवीबी के जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों का स्वागत करते हुए अमेरिका भारत रणनीतिक एवं साझेदारी फोरम (यूएसआईएसपीएफ) ने कहा है कि वैश्विक स्टार्टअप एवं नवोन्मेष परिवेश में अमेरिका के नेतृत्व को बनाए रखने के लिए त्वरित एवं व्यवस्थित समाधान आवश्यक है।
यूएसआईएसपीएफ के प्रमुख मुकेश अघी ने कहा, ‘अधिकारियों ने कदम उठाए हैं। वे जानते हैं कि जमा के मूल्य की सुरक्षा करने में विफल रहने पर कई स्टार्टअप कंपनियां संकट में फंस जाएंगी, परिणामस्वरूप हजारों नौकरियों पर संकट मंडराने लगेगा और दुनियाभर के लाखों लोग इससे प्रभावित होंगे’