भारत में पहली बार अपोलो हॉस्पिटल्स में रोबोटिक एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट हुआ

60 वर्षीय व्यक्ति इस प्रक्रिया के बाद स्वस्थ

भारत में पहली बार अपोलो हॉस्पिटल्स में रोबोटिक एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट हुआ

रोबोटिक एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट एक असाधारण तकनीकी प्रक्रिया है

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बन्नेरघट्टा रोड स्थित अपोलो हॉस्पिटल्स भारत का पहला रोबोटिक एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट करने वाला पहला अस्पताल बन गया है, जिसका नेतृत्व चीफ कार्डियक सर्जन डॉ. सात्यकी नंबाला ने किया। आज तक वैश्विक स्तर पर ऐसी 200 से भी कम प्रक्रियाएं की गई हैं, जिनमें अब भारत भी शामिल हो गया है।

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प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा की गई इस सफल प्रक्रिया ने 60 वर्षीय व्यक्ति को नया जीवन दिया, जिसे गंभीर स्टेनोसिस के साथ कैलिफ़िक एओर्टिक वाल्व की दिक्कत थी। लंबे समय से चली आ रही इस समस्या के कारण हृदय काफी काम नहीं कर पा रहा था। इसके लिए जल्द ही एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट की जरूरत थी।

इसके अलावा वह चेस्ट वॉल डिफॉर्मिटी से पीड़ित था, जिससे उसकी स्थिति और जटिल हो गई थी। प्रक्रिया के तीन दिनों के भीतर मरीज को छुट्टी दे दी गई और अब वह पूरी तरह ठीक है।

इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए डॉ. सात्यकी नंबला ने कहा कि वर्तमान में अपोलो हॉस्पिटल्स भारत में रोबोटिक कार्डियक सर्जरी का एकमात्र केंद्र है और हम रोबोटिक्स के माध्यम से वाल्व की मरम्मत और रिप्लेसमेंट जैसी जटिल कार्डियक सर्जरी पर ध्यान केंद्रित करते हैं। रोबोटिक एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट के मामले में कोई चीरा लगाने की जरूरत नहीं है। छाती पर एक से चार छेद किए जाते हैं, जिनके आधार पर प्रक्रिया पूरी होती है।

उन्होंने बताया कि सर्जरी के लिए प्रक्रिया की जटिलता के आधार पर समय भिन्न होता है। एक सीधी सर्जरी में लगभग डेढ़ से दो घंटे लगते हैं और केवल 24 घंटों के भीतर व्यक्ति घर जा सकता है। रोबोटिक्स के कारण यह दिल के अंदर बैठकर सर्जरी करने जैसा है।

रोबोटिक एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट एक असाधारण तकनीकी प्रक्रिया है और दुनियाभर में केवल कुछ ही केंद्रों पर होती है। बन्नेरघट्टा रोड स्थित अपोलो हॉस्पिटल्स के अलावा, जिन्होंने 2019 से लगभग 250 रोबोटिक कार्डियक प्रक्रियाओं का संचालन किया है, उनमें उत्तरी अमेरिका में लगभग चार से पांच केंद्र, कनाडा में एक से दो केंद्र और पश्चिमी यूरोप के देशों में एक केंद्र है। साथ ही, इस तरह की प्रक्रियाओं को करने के लिए अत्यधिक कुशल और प्रशिक्षित सर्जनों की जरूरत होती है।

हॉस्पिटल डिविजन के अध्यक्ष डॉ. के हरि प्रसाद ने कहा, अपोलो हॉस्पिटल्स हमेशा देश में शीर्ष स्तर की स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इसका भारत का पहला रोबोटिक एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट करने में सक्षम होना सम्मान का क्षण है, जो जटिल कार्डियक सर्जरी के क्षेत्र में सफलता है। इसके लिए हमारे कुशल डॉक्टरों को धन्यवाद। हृदय संबंधी विकार हमारे देश में मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक हैं। रोबोटिक सर्जरी जटिल स्थिति का इलाज लगभग दर्द रहित तरीके से करती है और कुछ ही समय में रिकवरी हो जाती है। यह कार्डियक देखभाल की दिशा में क्रांतिकारी कदम है।

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