अलविदा प्रिया!
होनहार फुटबॉल खिलाड़ी को नम आंखों से विदाई
चेन्नई/दक्षिण भारत। फुटबॉल खिलाड़ी प्रिया (17) की इलाज के दौरान मौत के बाद तमिलनाडु सरकार को तीखे विरोध का सामना करना पड़ रहा है। खिलाड़ी को व्यासारपडी में दफनाया गया। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा।
बता दें कि प्रिया के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। उनकी अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। ताबूत के अंदर एक फुटबॉल और जूते की जोड़ी भी रखी गई।प्रिया आर ने अपने घुटने में लिगामेंट टियर ठीक कराने के लिए सर्जरी करवाई थी, जिसके बाद उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। वे 8 नवंबर को राजीव गांधी जनरल सरकारी अस्पताल में भर्ती हुई थीं।
गौरतलब है कि पेरियार नगर के सरकारी पेरिफेरल अस्पताल में लिगामेंट टियर की सर्जरी के बाद फुटबॉलर को कथित तौर पर जटिलताओं का सामना करना पड़ा था। फिर उन्हें राजीव गांधी जनरल सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मंगलवार सुबह करीब 7.15 बजे उनकी मौत हो गई।
भाई के आरोप
तमिलनाडु सरकार ने प्रिया के भाई को सरकारी नौकरी और परिवार को 10 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की है। वहीं, इलाज में लापरवाही के आरोप में दो डॉक्टरों को निलंबित किया गया है।
प्रिया के भाई लॉरेंस ने एक वीडियो में कहा, 'फुटबॉल उसका सब कुछ था। वह यह जानते हुए हमारी मां से अपना दर्द छिपाती थी कि उसे आगे खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
लॉरेंस ने आरोप लगाया कि इतनी सारी सर्जरी के बावजूद, उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। हमें डॉक्टरों द्वारा उसके इलाज के बारे में सूचित नहीं किया गया था। डॉक्टरों ने हमें योजना बताए बिना उसका पैर ले लिया और गुर्दे की विफलता का निदान किया। गतिविधियों से अनभिज्ञ होने के बावजूद हमें स्कैन रिपोर्ट में एक पेच का पता चला।
लॉरेंस ने कहा, उसे कई मेडल और सर्टिफिकेट मिले। उसने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रवेश किया और मद्रास विश्वविद्यालय के लिए खेलने के बाद गुजरात टीम के लिए खेली। काश डॉक्टरों ने उसके मसलों पर कुछ ध्यान दिया होता। सर्जरी की जटिलताओं ने उसकी जान ले ली।
क्या बोले पलानीस्वामी?
पूर्व मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने प्रिया की मौत के लिए द्रमुक सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं फुटबॉल खिलाड़ी प्रिया की मौत के लिए द्रमुक सरकार की कड़ी निंदा करता हूं, जिनकी सरकारी अस्पताल में गलत इलाज के कारण मौत हो गई।' उन्होंने सरकार से मांग की कि खिलाड़ी के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए।
स्तब्ध कर देने वाली खबर!
भाजपा के कई पदाधिकारियों ने 'चिकित्सकीय लापरवाही' और 'गलत इलाज' को लेकर सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा, सरकारी अस्पताल में गलत इलाज के कारण कॉलेज छात्रा और फुटबॉल खिलाड़ी के निधन की खबर स्तब्ध कर देने वाली है।
खिलाड़ी राष्ट्र की संपत्ति
पीएमके अध्यक्ष अंबुमणि रामदास ने कहा कि वे फुटबॉलर प्रिया आर के निधन से दुखी हैं। उन्होंने परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की।
उन्होंने ट्वीट किया, 'यह बहुत दुख की बात है कि चेन्नई के एक सरकारी अस्पताल में अपने घुटने में लिगामेंट टियर के इलाज के लिए सर्जरी कराने वाली फुटबॉल खिलाड़ी और कॉलेज छात्रा प्रिया आर का लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया। खिलाड़ी राष्ट्र की संपत्ति हैं। वे पोषित और संरक्षित होने के पात्र हैं। प्रिया को दिए गए उपचार की जांच होनी चाहिए। यदि डॉक्टरों ने गलत किया है तो उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए।'
ये डॉक्टर निलंबित
चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) ने चिकित्सकीय लापरवाही की पुष्टि की है। गंभीर आरोप लगने के बाद डॉ. आर शांतिमलार ने दोनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है। पेरियार नगर के सरकारी पेरिफेरल अस्पताल में हड्डी रोग के सहायक प्रोफेसर डॉ. ए पॉल राम शंकर और सरकारी पेरिफेरल अस्पताल में आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. के सोमसुंदर के खिलाफ जांच समिति ने इसकी पुष्टि की है।
डॉ. पॉल का तबादला कर दिया गया है। उन्हें आर्थोपेडिक्स, सरकारी थूथुकुडी मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट के रूप में नियुक्त किया गया है। डॉ. सोमसुंदर का सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, विरुधुनगर में कैजुअलिटी मेडिकल ऑफिसर के रूप में तबादला किया गया है।
डीएमई के निलंबन आदेश में कहा गया है कि मामले की परिस्थितियों में उक्त डॉक्टरों को अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से सेवा से निलंबित किया जाना आवश्यक है। निलम्बन की अवधि के दौरान चिकित्सकों को मौलिक नियमावली के नियम 53(1) के तहत निर्वाह भत्ते का भुगतान किया जाएगा।