‘यूनिवर्सल बॉस’ का निराशाजनक प्रदर्शन

‘यूनिवर्सल बॉस’ का निराशाजनक प्रदर्शन

नई दिल्ली। टी-२० क्रिकेट में १० हजार रन पूरे कर यूनिवर्सल बॉस का खिताब पाने वाले वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिकेटर क्रिस गेल आईपीएल-१० में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के चलते जमीन पर आ गए हैं। गेल को आईपीएल-१० में अपने खराब प्रदर्शन का खामियाजा कई मैचों में बेंच पर बैठकर भुगतना प़डा है। गेल की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूरु की टीम एक के बाद एक पराजयों के कारण प्लेऑफ से बाहर हो चुकी है जबकि यह टीम गत वर्ष उपविजेता रही थी। गेल ने एक मैच को छो़डकर बाकी मैचों में अपनी टीम को निराश ही किया। इसका नतीजा यह रहा कि गेल को अब तक टीम के १० मैचों में से चार मैचों में बाहर बैठना प़डा। गेल ने इस बार छह मैचों में २५.३३ के मामूली औसत से सिर्फ १५२ रन बनाए हैं। गेल ने इस दौरान ७७ रन की एक ही बेहतरीन पारी खेली थी जिसमें उन्होंने टी २० में १० हजार रन पूरे किए थे। इस मैच के बाद गेल को यूनिवर्सल बॉस का खिताब मिला था लेकिन इस खिताब के साथ गेल अब तक कोई न्याय नहीं कर पाए हैं। आईपीएल में शुरूआत में कोलकाता नाइटराइडर्स के साथ दो सत्र खेलने के बाद गेल ने बेंगलूरु का दामन थामा और फिर लगातार इसी टीम के साथ खेल रहे हैं। गेल ने वर्ष २०११ में १२ मैचों में ६०८ रन, २०१२ में १५ मैचों में ७३३ रन और २०१३ में १६ मैचों में ७०८ रन बनाकर धमाकेदार प्रदर्शन किया। वर्ष २०१४ में गेल का बल्ला खामोश रहा और वह नौ मैचों में १९६ रन ही बना पाए। वर्ष २०१५ में उन्होंने १४ मैचों में ४९१ और वर्ष २०१६ में १० मैचों में २२७ रन बनाए हैं।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

बेंगलूरु: संगीता ने स्मार्ट गैजेट्स की 30 मिनट में एक्सप्रेस डिलीवरी शुरू की बेंगलूरु: संगीता ने स्मार्ट गैजेट्स की 30 मिनट में एक्सप्रेस डिलीवरी शुरू की
केरल, महाराष्ट्र, गोवा और अन्य राज्यों में इसकी उपस्थिति बढ़ेगी
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? पुतिन ने दिया यह बयान
मैसूरु: ऑनलाइन सट्टेबाजी से वित्तीय परेशानी के कारण दंपति ने उठाया खौफनाक कदम
सनी देओल ने इस शहर में शुरू की 'बॉर्डर 2' की शूटिंग
प. बंगाल: भाजपा विधायकों ने ममता सरकार के खिलाफ विधानसभा परिसर में धरना दिया
उच्चतम न्यायालय ने रणवीर इलाहाबादिया को लगाई कड़ी फटकार
दुराचार से दूर, व्यसनमुक्त यौवन किसी चमत्कार से कम नहीं: आचार्य विमलसागरसूरी