इस गांव में सदियों पहले सभी लोगों का हुआ था कत्ल, यहां कोई नहीं मनाता रक्षाबंधन

इस गांव में सदियों पहले सभी लोगों का हुआ था कत्ल, यहां कोई नहीं मनाता रक्षाबंधन

raksha bandhan

गाजियाबाद। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन हर साल बहुत उत्साह से मनाया जाता है, परंतु हमारे देश में एक गांव ऐसा भी है जो इस पर्व से दूर ही रहता है। यहां सदियों से रक्षाबंधन नहीं मनाया गया। इसकी वजह है इतिहास में घटित हुई एक खूनी घटना, जिसके बाद लोगों ने रक्षाबंधन मनाना बंद कर दिया। यही परंपरा आज तक जारी है। यहां रक्षाबंधन के दिन भाइयों की कलाइयां सूनी ही रहती हैं।

Dakshin Bharat at Google News
उत्तर प्रदेश के मुराद नगर शहर के पास है सुराना गांव। इसके इतिहास का एक अध्याय रक्षाबंधन से इस तरह जुड़ गया कि अब यह त्योहार मनाए सदियां बीत गई हैं। आप जानते ही होंगे कि अतीत में हमारे देश पर कई क्रूर आक्रांताओं ने हमले किए। उस दौरान उन्होंने निर्दोष जनता को मौत के घाट उतारा। उनके धर्म की वजह से उन्हें प्रताड़ित किया गया। सुराना गांव में भी ऐसा ही हुआ था।

जब 12वीं सदी में क्रूर आक्रांता मोहम्मद गौरी ने आक्रमण किया तो वह सुराना गांव तक आ गया था। उसने कई देव मंदिरों और धर्मस्थलों का अपमान किया। बेकसूर लोगों को मौत के घाट उतारा। जिस दिन मोहम्मद गौरी और उसके हत्यारे सैनिक सुराना गांव पहुंचे, उस रोज रक्षाबंधन था। लोग अपने घरों में मिठाइयां बना रहे थे। दीवारों पर पवित्र चिह्न उकेरे जा चुके थे। राखी बांधने की तैयारियां हो रही थीं।

उसी समय यह आततायी यहां आ पहुंचा और उसने गांव में निहत्थे लोगों का कत्ले आम शुरू कर दिया। बूढ़े, जवान, महिला, बच्चे किसी को भी नहीं बख्शा। पूरे गांव में मासूम लोगों की लाशें ही लाशें बिखेर दीं। जब उसकी खून की प्यास बुझ गई तो वह लूटमार कर यहां से चला गया। उस दिन एक महिला अपने बच्चों के साथ गांव से बाहर थी। इसलिए उनकी जान बच गई।

जब उन्होंने यहां का दृश्य देखा तो आंखों के साथ हृदय भी रो उठा। पूरा गांव श्मशान बन चुका था। हर घर में लहू बहा रहा था। बाद में यह गांव धीरे-धीरे दोबारा बसा, लेकिन वह खूनी दिन भुलाया नहीं जा सका। यहां रक्षाबंधन कभी नहीं मनाया गया। आज भी गांव के लोग उस घटना को याद करते हैं। सोशल मीडिया पर हजारों लोग इस गांव की कहानी पढ़ चुके हैं। उन्होंने उन बेकसूर लोगों की मौत पर दुख जताया और मोहम्मद गौरी पर लानत भेजी।

ये भी पढ़िए:
– शिव की शक्ति को नमन, यहां हर​ दिन नए रूप में नजर आते हैं भोलेनाथ
– चमत्कारी नाम के स्मरण से मनोकामना पूरी करती हैं मनसा देवी, यहां कीजिए दर्शन
– सैनिकों की हिफाजत करती हैं मां तनोट, पाक के 3000 बम भी मंदिर का कुछ नहीं बिगाड़ सके
– कीजिए उस दिव्य पर्वत के दर्शन, जहां सूर्य की किरणें पड़ने से बनता है ‘ऊं

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download