अमेरिका और भारत के रिश्ते

अमेरिका और भारत के रिश्ते

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस गर्मजोशी से व्हाइट हाउस में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया उससे यह सा़फ हो गया है कि निकट भविष्य में पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए दबाव बनाया जा सकता है। पिछले कुछ दिनों में डोनाल्ड ट्रम्प ने कई ऐसे बयान दिए थे जिनकी वजह से भारत को नुकसान हो सकता है परंतु जब उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की तो कई आशंकाओं पर पानी फेरते हुए एक नए रिश्ते की शुरुआत करते ऩजर आए। विश्व के दोनों ही प्रसिद्ध नेताओं की मुलाकात पर पूरे विश्व की ऩजरें टिकी हुईं थी और मुलाकात के ठीक पहले हि़ज्बुल मुजाइद्दीन के मुखिया सैयद सलाउद्दीन को अमेरिका ने वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया। इस घोषणा के बाद पाकिस्तान पर सैयद के खिलाफ क़डी कार्यवाही करने का दबाव बनाने में भारत कोई कसर नहीं छो़डेगा। डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद व्हाइट हाउस में पहले मेहमान के तौर पर पहुंचे नरेंद्र मोदी की मेजबानी में कोई कसर नहीं छो़डी गई। साथ ही अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करते हुए दोनों ही नेताओं ने अमेरिका और भारत के रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई। दोनों देशों के बीच बराक ओबामा के कार्यकाल के समय से रिश्तों में काफी मजबूती आई थी और डोनाल्ड ट्रम्प और मोदी के बीच अच्छी मुलाकात के बाद ऐसा लग रहा है की दोस्ती बरकरार रहेगी। अमेरिका ने भारत की चिंताओं पर ध्यान देने की बात कही और साथ ही आतंकवाद के खिलाफ ल़डाई में पूर्ण रूप से भारत का साथ देने की बात कही है। भारत और अमेरिका स्वाभाविक सहयोगी बन चुके हैं और वह भी इसलिए की क्षेत्रीय राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अमेरिका को भारत की जरूरत है। चीन की अर्थव्यवस्था की ब़ढती ताकत के कारण अमेरिका ने उस पर दबाव बनाए रखने के लिए भारत को अधिक सहयोग देना शुरू कर दिया। पाकिस्तान का विश्वभर में आतंक समर्थक के रूप में हो रहे प्रचार के बाद अमेरिका पाकिस्तान के साथ ख़डा नहीं दिखना चाहता है। अमेरिका ने पाकिस्तान को कई बार आतंकवाद के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए चेतावनी भी दी है। भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ही मुलाकात में अमेरिकी राष्ट्रपति पर जिस तरह अपनी छाप छो़डते दिखे उससे वह वैश्विक नेता के तौर पर अपना कद और ऊंचा करने में तो कामयाब रहे ही, दुनिया को भारत की ब़ढती अहमियत का संदेश देने में भी सफल रहे। भारत और अमेरिका के संबंधों में मिठास का मतलब है पाकिस्तान में मौजूद आतंकी आकाओं की सहमत। अमेरिका के दबाव के कारण पाकिस्तान को निकट भविष्य में कश्मीर में हो रही घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए कार्यवाही करनी प़ड सकती है। साथ ही आतंकी छावनियों को नष्ट करने के लिए अगर भारतीय सेना कार्यवाही करती है तो पाकिस्तान ऐसी स्थिति में कुछ ख़ास नहीं कर पायेगा। साथ ही अगर पाकिस्तान चीन से निकटता ब़ढाता ऩजर आया तो संभव है कि अमेरिका पाकिस्तान से दूरी कर ले।

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