राहत की खबर: एसबीआई ने सभी बचत खाताधारकों के लिए मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता खत्म की
राहत की खबर: एसबीआई ने सभी बचत खाताधारकों के लिए मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता खत्म की
नई दिल्ली/भाषा। भारतीय स्टेट बैंक ने अपने सभी बचत खाताधारकों के लिए एक औसत मासिक न्यूनतम राशि रखने की अनिवार्यता बुधवार को समाप्त करने की घोषणा की। इससे अब बैंक के सभी बचत खाताधारकों को ‘जीरो बैलेंस’ खाते की सुविधा मिलने लगेगी।
इसके अलावा बैंक ने सभी बचत खातों पर ब्याज दर समान रूप से तीन प्रतिशत वार्षिक कर दिया है। एसबीआई ने बुधवार को एक बयान में कहा कि देश में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए उसने अपने सभी 44.51 करोड़ बचत खाताधारकों के लिए औसत मासिक न्यूनतम राशि (एएमबी) रखने की अनिवार्यता खत्म कर दी है।अभी मेट्रो शहरों के बचत खाताधारकों को औसत मासिक न्यूनतम राशि के तौर पर 3,000 रुपए, कस्बों में 2,000 रुपए और ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपए खाते में रखने होते हैं। औसत मासिक न्यूनतम राशि को बनाए नहीं रखने की स्थिति में खाताधारकों को पांच से 15 रुपए जुर्माने और करों का भुगतान करना होता है।
Important announcement for #SBI customers! Average Monthly Balance (AMB) charges on savings bank accounts have been waived. Quarterly SMS charges have also been waived off. For more details, please visit: https://t.co/1f2bY5ZYTS#SBI #Announcement #SavingsAccount #ZeroBalance pic.twitter.com/K0S8cmRhVy
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) March 11, 2020
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एएमबी समाप्त किए जाने से बैंक के इन खाताधारकों को ‘जीरो बैलेंस’ (यानी कोई न्यूनतम राशि नहीं रखने) की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा बैंक ने त्रैमासिक आधार पर एसएमएस सेवा के लिए वसूले जाने वाले शुल्क को भी खत्म कर दिया है।
इस बारे में बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, ‘यह फैसला और अधिक लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला होगा।’ बैंक का कहना है कि ‘सबसे पहले ग्राहक हित’ की अवधारणा पर चलते हुए उसने यह कदम उठाया है। इसके अलावा बैंक ने बचत खातों पर वार्षिक ब्याज दरों को तर्कसंगत बनाते हुए सभी श्रेणियों के लिए घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया है।