मुल्लापेरियार बांध पर तमिलनाडु के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करे सरकार: पन्नीरसेल्वम

मुल्लापेरियार बांध पर तमिलनाडु के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करे सरकार: पन्नीरसेल्वम

यह बांध केरल में स्थित है, लेकिन इसका स्वामित्व, रखरखाव और संचालन तमिलनाडु के पास है


चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने मंगलवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुल्लापेरियार बांध पर राज्य के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

Dakshin Bharat at Google News
पन्नीरसेल्वम ने केरल के मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा बांध, शटर और पानी छोड़ने के आदेश का निरीक्षण करने को लेकर तमिलनाडु सरकार की 'चुप्पी' की निंदा की। उन्होंने कहा कि केरल द्वारा इस तरह की कार्रवाई को तुरंत रोका जाना चाहिए।

अन्नाद्रमुक समन्वयक पन्नीरसेल्वम ने यह भी कहा कि अगर तमिलनाडु इस पर चुप रहता है तो भविष्य में केरल की ओर से अधिकारों का दावा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुल्लापेरियार बांध तमिलनाडु के स्वामित्व में है और इसके रखरखाव का काम इसके द्वारा किया जाता है। उन्होंने इसे अकाट्य सत्य करार दिया है।

क्या है बांध का इतिहास?
बता दें कि त्रावणकोर के तत्कालीन महाराजा और ब्रिटिश राज के बीच 1886 के समझौते के तहत बनाए गए बांध को लेकर केरल और तमिलनाडु आमने-सामने हैं। यह बांध केरल में स्थित है, लेकिन इसका स्वामित्व, रखरखाव और संचालन तमिलनाडु के पास है।

न्यायालय ने क्या कहा?
इस मामले में उच्चतम न्यायालय मई 2014 में फैसला सुना चुका है, जो तमिलनाडु के पक्ष में आया था। न्यायालय ने राज्य को मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर को 136 फीट के अपने पहले के भंडारण स्तर से 142 फीट तक बढ़ाने की अनुमति दी थी।

वहीं, 2012 में न्यायालय की अधिकार प्राप्त समिति ने कहा था कि मुल्लापेरियार बांध संरचनात्मक रूप से सुरक्षित है। साल 2006 में भी उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि केरल तमिलनाडु को बांध में जल स्तर को 142 फीट तक बढ़ाने और मरम्मत कार्य करने से नहीं रोक सकता है। केरल सरकार नया बांध बनाना चाहती है ताकि उसका नियंत्रण उसी के पास रहे।

देश-दुनिया के समाचार FaceBook पर पढ़ने के लिए हमारा पेज Like कीजिए, Telagram चैनल से जुड़िए

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download