तमिलनाडु: शहरी निकाय चुनावों में 'वोट के बदले नोट' का खेल, अलर्ट पर पुलिस

तमिलनाडु: शहरी निकाय चुनावों में 'वोट के बदले नोट' का खेल, अलर्ट पर पुलिस

लोकतंत्र पर हावी न हो जाए धनतंत्र 


चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु में शनिवार को होने वाले शहरी स्थानीय निकाय चुनावों की पूर्व संध्या पर राज्य पुलिस 'वोट के बदले नोट' पर रोक लगाने को लेकर खुफिया सूचना के आधार पर हाई अलर्ट पर है।

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राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने मतदाताओं को साड़ी, बर्तन और गहने जैसे पायल आदि बांटकर लुभाने के हथकंडों पर रोक लगाने के लिए प्रत्येक वार्ड में अधिक उड़न दस्ते तैनात किए हैं।

चूंकि हाल में शहरी निकाय चुनावों में जीत का अंतर कम रहा है, ऐसे में राजनीति दल धन का इस्तेमाल कर अधिकाधिक वोट अपने पाले में कम करने जैसे कृत्यों में भी लिप्त रहे हैं।

मजबूत हो खुफिया तंत्र
इस संबंध में विश्लेषकों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए खुफिया तंत्र को मजबूत करना चाहिए और प्रत्येक सूचना पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। अगर ऐसे मामलों को नहीं रोका गया तो समय के साथ इनमें बढ़ोतरी होगी, जिससे लोकतंत्र का लक्ष्य ही अधूरा रह जाएगा। लोकतंत्र पर धनतंत्र हावी होगा।

सूत्रों की मानें तो पुलिस, राजस्व और चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है, जो धन या तोहफे बांटने जैसे मामलों पर नजर रखेंगे।

यह रिश्वत है
इस बारे में एक विश्लेषक कहते हैं कि वोट के बदले धन या तोहफे देना रिश्वत है। यह लोकतंत्र का अपमान है। कई उम्मीदवार ऐसे मामलों में लिप्त रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से वे अपने मंसूबों में सफल हो जाते हैं। उनके खिलाफ शिकायत की जाती है लेकिन कठोर कार्रवाई न होने से उनके हौसले बढ़ जाते हैं।

चुनाव में धनबल का इस्तेमाल रोकने के लिए भ्रष्टाचारविरोधी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पुलिस और चुनाव आयोग को ईमेल भी किए हैं।

अब तक क्या हुआ?
एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के बयान पर आधारित रिपोर्ट की मानें तो इस बार साड़ी और अन्य तोहफों के अलावा ऐसे कूपन दिए जा रहे हैं जिन्हें भुनाया जा सकता है। पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। ऐसे में पिछले कुछ दिनों में चेन्नई से ही 1.5 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जब्त की गई है। ऐसी घटनाएं पूरे तमिलनाडु में हो रही हैं और पुलिस आरोपियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।

मतदाताओं को लुभाने के इन तरीकों को अपनाने के लिए सत्ता पक्ष के अलावा विपक्ष पर भी आरोप लगते रहे हैं।

आपदा में अवसर!
चूंकि कोरोना महामारी चल रही है तो कुछ उम्मीदवारों ने इसे भी भुनाने की कोशिश की है। जानकारी के अनुसार, कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने आवासीय कॉलोनियों में लोगों से मुलाकात की और उनसे कहा कि वे चुनाव जीतने के बाद प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराएंगे।

इसके अलावा ऐसे कूपन बांटे जाने की सूचनाएं हैं जिन्हें बाद में घरेलू सामान के बदले भुनाया जा सकता है।

दूसरी ओर पुलिस और चुनाव आयोग के अधिकारियों का दावा है कि वे ऐसी गतिविधियों में लिप्त लोगों पर नकेल कस रहे हैं।

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