हासन/मैसूरु/दक्षिण भारतकांग्रेस और जनता दल (एस) गठबंधन की सरकार बनने की संभावना उत्पन्न होते ही राज्य का राजनीतिक केंद्र अब मैसूरु से हासन स्थानांतरित हो चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी २३ मई (कल)को दोबारा कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे। इससे पूर्व उनके गृह जिले हासन में एक अलग ही जोश देखने को मिल रहा है और यहां राजनीतिक गतिविधियां भी सरगर्म हो चुकी हैं्। जिले के लोगों को उम्मीद है कि कुमारस्वामी यहां के विकास में अपनी ब़डी भूमिका निभाएंगे। पूर्व में अपने २० महीनों के कार्यकाल के दौरान भी कुमारस्वामी ने हासन के विकास पर काफी ध्यान दिया था। मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने ३८ दफे हासन का दौरा किया था। वहीं, उनके कार्यकाल में राज्य के लोकनिर्माण और ऊर्जा मंत्री रहे कुमारस्वामी के ब़डे भाई एचडी रेवन्ना को जिले में कई विकास परियोजनाओं का काम शुरू करवाने में सफलता मिली थी। खास तौर पर दोनों ने मिलकर हासन में कई शिक्षा संस्थानों की शुरुआत करवाई थी। वहीं, हासन में एक हवाईअड्डे की नींव भी रख दी गई थी। बहरहाल, भूमि अधिग्रहण का पेच फंसने के कारण हवाईअड्डे का निर्माण कार्य कुमारस्वामी के पूर्ववर्ती कार्यकल में पूरा नहीं हो सका था। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के तौर पर कुमारस्वामी के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन राज्य सरकार ने हासन जिले में मेडिकल कॉलेज, शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, शासकीय पशु चिकित्सा कॉलेज, कई प्राथमिक स्तर के कॉलेज और चार शासकीय फर्स्ट ग्रेड कॉलेजों की स्थापना की मंजूरी दी थी। अब होलनरसीपुर में ही चार शासकीय फर्स्ट ग्रेड कॉलेज संचालित हो रहे हैं्। यहां के एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, ’’एक समय पूरे राज्य में कानून की प़ढाई के लिए सिर्फ पांच कॉलेज हुआ करते थे। इनमें से तीने हासन जिले में थे। इन पांच में से दो कॉलेज होलेनरसीपुर में थे। बहरहाल, विद्यार्थियों की कमी के कारण होलेनरसीपुर के पडुवलहिप्पे गांव में स्थित एक कॉलेज को दूसरी जगह पर स्थानांतरित करना प़डा था।’’ ृद्ध ब्य्फ्द्म ्यज्ध्ष्ठ द्बष्ठ्र ृय्ंश्चृय्ंश्चट्टर् ·र्ैंय् फ्झ्द्मय् झ्रूद्यय् ब्ह्ख्य्?उल्लेखनीय है कि जनता दल (एस) के नेता रेवन्ना ने इस वर्ष हुए चुनाव के पूर्व प्रचार अभियान के दौरान कई बार लोगों से यह वादा कर चुके हैं कि अगर उनकी पार्टी को सरकार बनाने के लिए जनादेश मिला तो वह सभी अधूरी परियोजनाओं का काम पूरा करवाएंगे। इनमें हासन जिले में एक आईआईटी स्थापित करने की परियोजना भी शामिल है। उन्होंने बताया, ’’हमने अपनी पार्टी की सरकार के कार्यकाल के दौरान आईआईटी के लिए १ हजार एक़ड जमीन आवंटित की थी। राज्य मंत्रिमंडल ने भी हासन जिले में आईआईटी की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को अपनी सिफारिश भेजी थी। बहरहाल, बाद में सत्ता में आई पार्टियों ने हासन जिले की ओर उदासीनता बरती। इन पार्टियों की सरकारों ने हासन के स्थान पर अन्य जिलों में आईआईटी स्थापित करने की सिफारिश भेज दी।’’ रेवन्ना ने हासन में महिलाओं के लिए एक केंद्रीय विश्वविद्यालय भी लाने की घोषणा की थी। अब कुमारस्वामी का दोबारा मुख्यमंत्री बनना तय होने के बाद जिले के लोगों को यह लगने लगा है कि अब यहां अधूरी ङ्घपरियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। साथ ही यहां नई विकास परियोजनाओं की भी नींव रखी जाएगी। ृद्मष्ठ·र्ैं ्यप्·र्ैंय्फ् द्भह्ज्द्मय्ॅैं झ्रूद्यर् ब्रुंन दूसरी ओर, मैसूरु की हालत हासन से अलग है। चामुंडेश्वरी सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरामैया की शिकस्त के साथ ही पूरे जिले से कांग्रेस की ज़डें उख़डने के बाद राज्य की सत्ता में कांग्रेस-जनता दल (एस) की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। माना जा रहा है कि यह मैसूरु का राजनीतिक वजन घटने की शुरुआत हो सकता है। पिछले पांच वर्षों के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरामैया की वजह से यह जिला लगातार विकास कार्यों के लिए शासकीय फंड का लाभ उठाता रहा। सिद्दरामैया ने खुद भी कई बार दावा किया कि इस जिले में लागू की जानेवाली विकास परियोजनाओं के लिए उनकी सरकार ने पांच वर्षों में पांच हजार करो़ड रुपए का फंड जारी किया। इस राशि से कई विकास परियोजनाओं को पूरी तरह से यहां लागू भी किया गया। कुछ अन्य परियोजनाओं के काम में भी तेजी लाई गई। शहर में जयदेवा कार्डियोलॉजी इकाई की स्थापना की गई। इसमें १३५ करो़ड रुपए की लागत से ३५० बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। वहीं, डिप्टी कमिशनर कार्यालय को भी नए भवन में स्थानांतरित किया गया। शहर की स़डकों की लंबाई ब़ढाकर इसे कई नए स्थानों से जो़डने का काम भी पूरा हो चुका है। आउटर रिंग रोड को राष्ट्रीय राजमार्गों से जो़डने का काम भी प्राथमिकता के आधार पर पूरा करवाया गया। मैसूरु को एक नए जिला अस्पताल का तोहफा भी सिद्दरामैया की सरकार ने दिया था। बहरहाल, नई सरकार के कार्यकाल में मैसूरु को अपनी प्राथमिकता का स्थान खोना प़ड सकता है।द्बैंख्र झ्ठ्ठणक्क फ्·र्ैंत्रर् ब्स् ्यप्·र्ैंय्फ् ·र्ैंर् द्यत्रय्द्यहालांकि यह माना जा रहा है कि मैसूरु क्षेत्र में जीत दर्ज करनेवाले जनता दल (एस) और कांग्रेसी विधायकों को नई सरकार के मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाएगा लेकिन इसका असर वैसा नहीं होगा, जैसा राज्य के मुख्यमंत्री के जिलों पर देखने को मिलता है। स्वाभाविक है कि शहर के लोगों में इस विषय में काफी चिंता की स्थिति बनी हुई है। नई सरकार के दौर में मैसूरु में क्रियान्वित की जा रहीं विकास परियोजनाओं की रफ्तार मंद प़ड सकती है। चूंकि सरकार में मैसूरु की कोई मजबूत लॉबी नहीं होगी, सो जिले के लिए नई परियोजनाएं लाने में भी संदेह की स्थिति बन रही है।