प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग दूसरा जलियांवाला बाग’: द्रमुक

प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग दूसरा जलियांवाला बाग’: द्रमुक

चेन्नई/दक्षिण भारतराज्य के तुतीकोरीन जिले में स्टरलाइट संयंत्र के खिलाफ के प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस फायरिंग में कम से कम ११ लोगों की मौत होने की घटना की क़डी निंदा करते हुए राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी द्रवि़ड मुनेत्र कषगम(द्रमुक) ने बुधवार को अपने गठबंधन में शामिल कांग्रेस एवं अन्य मित्रवत पार्टियों के साथ मिलकर इसके खिलाफ २५ मई को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। तूतीकोरीन में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग को ऊचघ ने बताया दूसरा ’’जलियांवाला बाग’’ डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन की फाइल फोटोबुधवार को द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने तुतीकोरीन में स्टरलाइट संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस फायरिंग को लेकर राज्य की ईके पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर प्रहार किया। इसके साथ ही द्रमुक के एक अन्य नेता ने इस गोलीबारी की तुलना जलियांवाला बाग से की। द्रमुक ने राज्य की सभी विपक्षी पार्टियों से आह्वान किया है कि उसके द्वारा से इस घटना के खिलाफ २५ मई को किए जाने वाले वरोध प्रदर्शन में शामिल हों और सरकार की इस बर्बर करवाई के खिलाफ अपनी आपत्ति प्रकट करें।ज्ञातव्य है कि मंगलवार को स्टरलाइट संयंत्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों के उग्र होने पर पुलिस को फायरिंग करने के लिए मजबूर होना प़डा था और इसमें ११ लोगों की मौत हो गई थी। स्टालिन ने बुधवार को पत्रकारों से इस मुद्दे पर बातचीत में सवाल उठाया कि पुलिस द्वारा फायरिंग करने से पहले प्रदर्शनकारियों को कोई चेतावनी क्यों नहीं दी गई?स्टालिन ने कहा कि सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि भी़ड को तितर बितर करने के लिए ऑटोमेटिक हथियार क्यों इस्तेमाल किए गए?स्टालिन बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से भी राज्य की सत्तारुढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम(अन्नाद्रमुक) सरकार को आ़डे हाथों लिया। उन्होंने ट्वीट कर भी इन दोनों प्रश्नों को उठाया कि किसके आदेश से प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई गई और प्रदर्शनकारियों को दूर हटाने के लिए और भी़ड तित़ड-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा ऑटोमैटिक हथियारों का इस्तेमाल क्यों किया? उन्होंने ट्वीट किया आखिर किस कानून के तहत इसकी इजाजत दी गई? यहां रबर या प्लास्टिक के बुलेट्स का इस्तेमाल क्यों किया गया? इसी क्रम में द्रमुक के एक अन्य नेता सर्वणन ने तमिलनाडु सरकार को फासिस्टवादी करार देते हुए कहा कि सरकार अपनी वाजिब मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को चुप करने के लिए उनपर गोलियां चलवा रही है जो किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ’’हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि देश में सबसे अधिक विरोध प्रदर्शन तमिलनाडु में ही होता है। उन्होंने कहा कि इसकी एक वजह सरकार की नाकामी है। यह जलियांवाला बाग जैसा नरसंहार था। सरकार को अब अपना बोरिया बिस्तर बांध कर चले जाना चाहिए।’’उल्लेखनीय है कि तुतीकोरीन के स्थानीय लोग स्टरलाइट संयंत्र के खिलाफ लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे बंद करने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस संयंत्र के कारण इलाके में भूजल प्रदूषित हो रहा है। हाल ही में इस संयंत्र को संचालित करने वाली कंपनी ने अपने संयंत्र का विस्तार करने की घोषणा की थी जिसके बाद से स्थानीय लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। द्रमुक के साथ ही राज्य की कई विपक्षी पार्टियों द्वारा भी स्टरलाइट के खिलाफ विरोध करने वालों को अपना समर्थन दिया जा रहा है।

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