राज्य को मिला एक पूर्णकालिक राज्यपाल
राज्य को मिला एक पूर्णकालिक राज्यपाल
चेन्नई। बनवारी लाल पुरोहित ने शुक्रवार को तमिलनाडु के २५वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। पुरोहित ने राज्य में सत्तारू़ढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के बीच चल रही उठापटक और विपक्षी दल द्रमुक की शक्ति परीक्षण की मांग के बीच पद संभाला है। राजभवन में आयोजित समारोह में मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने पुरोहित को पद की शपथ दिलाई। पुरोहित इससे पहले असम के राज्यपाल थे। ईश्वर के नाम की शपथ लेते हुए पुरोहित ने कहा कि वह तमिलनाडु के राज्यपाल पद का पूरी निष्ठा से पालन करेंगे और पूरी क्षमता से संविधान और कानून का संरक्षण, रक्षा और सुरक्षा करेंगे तथा स्वयं को तमिलनाडु के लोगों की सेवा और कल्याण के लिए समर्पित करेंगे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ईडाप्पाडी के पलानीस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम उनके कैबिनेट सहयोगी और द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन कार्यक्रम में उपस्थित थे। केन्द्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन सहित भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता भी समारोह में उपस्थित थे। शपथ ग्रहण से पहले मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन ने २९ सितंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से पुरोहित को तमिलनाडु का राज्यपाल नियुक्त किये जाने का औपचारिक आदेश प़ढा।अगस्त २०१६ में के. रोसैया के सेवानिवृत्त होने के बाद पुरोहित तमिलनाडु के पहले पूर्णकालिक राज्यपाल हैं। रोसैया के बाद सितंबर २०१६ से ही प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार महाराष्ट्र के राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव के पास था। मौजूदा समय में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के सामने सबसे पहली चुनौती द्रमुक के नेता स्टालिन की ओर से मुख्यमंत्री को विश्वासमत साबित करने के लिए बार -बार किया जा रहा अनुरोध है। ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि जिस विश्वासमत को पूर्व राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव अभी तक टालते रहे हैं वह (पुरोहित) उसकी मंजूरी देते हैं या नहीं।इसी क्रम में स्टालिन ने बनवारीलाल पुराहित को राज्य का पूर्णकालिक राज्यपाल बनाए जाने पर प्रसन्नता प्रकट की है और कहा है कि उन्हें इस बात का विश्वास है कि राज्य के नए राज्यपाल मौजूदा सियासी परिस्थितियों को समझेंगे और मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी को विधानसभा में विश्वासमत साबित करने का निर्देश देंगे। स्टालिन ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुझे इस बात का विश्वास है कि राज्यपाल पुरोहित पुराने प्रभारी राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव की तरह नहीं करेंगे। स्टालिन ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि नए राज्यपाल को राज्य की मौजूदा स्थिति पता होगी कि राज्य सरकार अपना बहुमत खो चुकी है और वह इसी के अनुसार समुचित कदम उठाएंगे।राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेकर बाहर निकलने के बाद स्टालिन ने पत्रकारों से कहा कि द्रमुक ने राज्यपाल से मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा इसलिए खटखटाया था क्योंकि इसका विश्वास पूर्व राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव से उठ गया था। ज्ञातव्य है कि स्टालिन ने दिनाकरण का समर्थन करने वाले १८ विधायकों द्वारा बार-बार अनुरोध करने पर मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी को विधानसभा में विश्वासमत साबित करने का निर्देश नहीं देने पर उनकी आलोचना की थीईश्वर के नाम की शपथ लेते हुए पुरोहित ने कहा कि वह तमिलनाडु के राज्यपाल पद का पूरी निष्ठा से पालन करेंगे और पूरी क्षमता से संविधान और कानून का संरक्षण, रक्षा और सुरक्षा करेंगे तथा स्वयं को तमिलनाडु के लोगों की सेवा और कल्याण के लिए समर्पित करेंगे।
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