पूर्व मुख्यमंत्री धरमसिंह का निधन

पूर्व मुख्यमंत्री धरमसिंह का निधन

बेंगलूरू। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता एन धरमसिंह सिंह का गुरुवार को शहर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने सुबह सीने में दर्द की शिकायत की थी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने कुछ घंटों के बाद अंतिम सांस ली। वह ८० साल के थे। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं्। धरमसिंह को हृदय रोग का दौरा प़डने के बाद एम एस रामय्या अस्पताल ले जाया गया जहां उनका निधन हो गया। वह कर्नाटक के १७ वें मुख्यमंत्री थे।२५ दिसंबर १९३६ को गुलबर्गा (अब कलबुर्गी) के जेवरगी तालुक के नेलोगी गांव में जन्मे सिंह के पुत्र विधायक डॉ अजय सिंह (विधायक) और उद्योगपति विजय सिंह (एमएलसी) दो बेटे हैं। उन्होंने बीदर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से सात बार लगातार प्रतिनिधित्व किया और १४ वीं लोकसभा में वह लोकसभा सदस्य भी थे। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से एमए और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। सिंह ने अपने भाई के खिलाफ चुनाव ल़डकर गुलबर्गा जिला नगर परिषद के पार्षद के रूप में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित होने से अपना राजनीतिक कैरियर शुरू किया। वह १९६० के दशक के अंत में कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने वर्ष २००४ में मुख्यमंत्री बनने से पहले दिवंगत डी देवराज अर्स, वीरेंद्र पाटिल, एसएम कृष्णा, वीरप्पा मोइली और बंगारप्पा के मंत्रिमंडल में कार्य करने का अनुभव हासिल किया था। उन्होंने सीएम स्टीफन के लिए वर्ष १९८० में अपनी सांसद सीट छो़ड दी थी। उन्होंने एक संक्षिप्त अवधि के लिए केपीसीसी अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। सिंह कर्नाटक के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन संतोष हेग़डे द्वारा वर्ष २००८ में अवैध खनन में अनियमितताओं के कारण २३.२२ करो़ड रुपये के नुकसान के कारण दोषी ठहराए गए थे।

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