द्रमुक ने विजयभाष्कर के इस्तीफे की मांग की
द्रमुक ने विजयभाष्कर के इस्तीफे की मांग की
चेन्नई। द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने बुधवार को राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से राज्य के विद्यार्थियों के हितों की रक्षा करने में विफल होने पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभाष्कर के इस्तीफे की मांग की। बुधवार को विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एमके स्टालिन और सी विजयभाष्कर के बीच विधानसभा में राज्य के विद्यार्थियों के हितों की रक्षा करने के मुद्दे पर गर्मागर्म बहस हुई और इसके बाद द्रमुक और इसकी सहयोगी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सभी विधायक विधानसभा से बाहर निकल गए।जहां द्रमुक ने स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की वहीं सत्तारुढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के नेताओं ने इस बात पर हैरानी जाहिर की जब वर्ष २०१० में भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का नियम बनाया जा रहा था, उस समय की मौजूदा केन्द्र सरकार के साथ गठबंधन करने वाली द्रमुक ने इस पर आपत्ति जाहिर क्यों नहीं की? द्रमुक के उपनेता दुरैमुरैगन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भाष्कर राज्य के विद्यार्थियों के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह से नाकाम हुए हैं और इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।विजयभाष्कर द्वारा द्रमुक पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए स्टालिन ने कहा कि पार्टी के प्रमुख एम करुणानिधि ने इस संबंध में केन्द्र सरकार को एमसीआई की ओर से इस दिशा में उठाए जाने वाले कदमों के खिलाफ पत्र लिखा था और अदालत का रुख किया था। इसके बाद विजयभाष्कर ने भी स्टालिन से कहा कि उनके द्वारा नीट परीक्षा का पुरजोर विरोध किया गया और पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने इस संबंध में केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री पलानीसामी और उन्होंने स्वयं भी केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर राज्य के विद्यार्थियों को नीट परीक्षा से छूट देने का अनुरोध किया था।विजय भाष्कर ने कहा कि सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा मेडिकल पाठ्यक्रमों में राज्य के विद्यार्थियों को ८५ प्रतिशत आरक्षण देने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश को रद्द करने के आदेश के खिलाफ अपील की है। इसके साथ ही वह केन्द्र सरकार को राज्य को नीट से छूट देने के लिए मनाने के उद्देश्य से नई दिल्ली रवाना होने वाले हैं। हालांकि विजयभाष्कर की ओर से दिए गए इस जवाब से स्टालिन से संतुष्ट नहीं हुए और द्रमुक के सभी विधायकों के साथ ही आईयूएमएल के एकमात्र विधायक केएम मोहम्मद अबुबकर के साथ विधानसभा से बर्हिगमन कर गए।