कोरोना से लड़ाई में मजबूती से खड़ा रेलवे, दो और ट्रेन 238 टन तरल ऑक्सीजन लेकर बेंगलूरु पहुंचीं

कोरोना से लड़ाई में मजबूती से खड़ा रेलवे, दो और ट्रेन 238 टन तरल ऑक्सीजन लेकर बेंगलूरु पहुंचीं

कोरोना से लड़ाई में मजबूती से खड़ा रेलवे, दो और ट्रेन 238 टन तरल ऑक्सीजन लेकर बेंगलूरु पहुंचीं

स्रोत: South Western Railway ट्विटर अकाउंट।

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक में कोरोना संक्रमितों के इलाज के दौरान इस्तेमाल हो रही ऑक्सीजन की लगातार आपूर्ति हो रही है। इसी सिलसिले में दो और ऑक्सीजन एक्सप्रेस बेंगलूरु पहुंच गईं। ये 238.5 टन तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन (एलएमओ) लेकर आई हैं। दक्षिण पश्चिम रेलवे ने यह जानकारी दी है।

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बता दें ​कि इन ट्रेनों के जरिए अब तक कर्नाटक को 1,420.64 टन एलएमओ की आपूर्ति हो चुकी है। चिकित्सकीय ऑक्सीजन लेकर 11वीं और 12वीं ट्रेन के पहुंचने के साथ राज्य में जिन कोरोना संक्रमितों को इसकी जरूरत पड़ रही है, उन्हें प्राणवायु उपलब्ध कराने के तेजी से प्रयास हो रहे हैं।

इस संबंध में जानकारी देते हुए दक्षिण पश्चिम रेलवे ने बताया कि छह क्रायोजेनिक कंटेनरों में 124.19 टन एलएमओ लेकर यह ग्यारहवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस 23 मई को ओडिशा के राउरकेला से रात करीब साढ़े नौ बजे रवाना हुई थी, जो मंगलवार सुबह 6.10 बजे यहां आईसीडी व्हाइटफील्ड पहुंची।

रेलवे ने बताया कि बारहवीं एक्सप्रेस भी सुबह 9.49 बजे आईसीडी पहुंची। यह ट्रेन छह क्रायोजेनिक कंटेनरों में 114.31 टन ऑक्सीजन लेकर आई है। यह 24 मई को तड़के साढ़े चार बजे गुजरात के जामनगर स्थित कनालुस से एलएमओ लेकर रवाना हुई थी।

रेलवे ने बताया कि देश में कोरोना महामारी एवं चक्रवात यास की चुनौतियां हैं, लेकिन रेलवे एलएमओ की समय से ढुलाई करने को प्रतिबद्ध है। उल्लेखनीय है कि इन ट्रेनों के जरिए तेजी से ऑक्सीजन के ​परिवहन के लिए रेलवे ने ‘हरित गलियारा’ बनाया है, जहां उन्हें किसी सिग्नल पर रुकना नहीं पड़ता। इस तरह ये ट्रेन तेजी से रास्ता पार करती हैं और जिन्हें जरूरत होती है, ऑक्सीजन पहुंचाना सुनिश्चित करती हैं।

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