कोचिंग सिटी कोटा में मगरमच्छों की दहशत, अब तक 61 पकड़े

कोचिंग सिटी कोटा में मगरमच्छों की दहशत, अब तक 61 पकड़े

कोटा/एजेन्सी। राजस्थान की कोचिंग सिटी कोटा अब क्रोकोडाइल सिटी बनती जा रही है। कोटा शहर में आए दिन मगरमच्छ आबादी क्षेत्र में आ रहे हैं।
रविवार को फिर वन विभाग की लाडपुरा रेंज के रेस्क्यू दल ने शहर में एक साथ दो मगरमच्छों को
आधे घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर पकड़ा। इस बार मानसून सत्र से लेकर अब तक 61 मगरमच्छ वन विभाग शहरी इलाके से पकड़ चुका है।
रविवार को दो मगरमच्छ शहर की पूनम कॉलोनी क्षेत्र के रोटेदा रोड के पास आबादी क्षेत्र में स्थित खेत के बाड़े में आ गए थे। इस खेत में पानी का एक टैंक बना हुआ है। दोनों मगरमच्छ उसमें थे। सूचना पर रेंजर संजय नागर ने लाडपुरा रेंज कार्यालय से रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा। बाद में मौके पर पहुंची टीम ने दोनों मगरमच्छ को काफी मशक्कत करके पकड़ा। उन्हें मुकंदरा टाइगर रिजर्व के सावनभादो डैम में छोड़ा गया है। दोनों मगरमच्छ की लंबाई 3 से 4 फीट के करीब की थी।
उल्लेखनीय है कि चंबल नदी में काफी संख्या में मगरमच्छ हैं। कोटा शहर चंबल के किनारे बसा हुआ है। इस बार भारी बारिश के कारण चंबल नदी पर कोटा में बने कोटा बैराज से बार-बार काफी मात्रा में पानी छोड़ा गया। चंबल के इस पानी के कारण कोटा शहर में दो बार बाढ़ के हालात भी बन गए थे। चंबल में उफान के साथ ही मगरमच्छ नदी किनारे पर जा जाते हैं। यहां से वे आबादी क्षेत्र में घुस जाते हैं।
हालात ये हो चुके हैं मगरमच्छ कभी किसी के घर में घुस जाते हैं तो कभी सड़कों पर घूमते दिखाई देते हैं। इसके चलते नदी किनारे बसी बस्तियों के लोग भी काफी दहशत में रहते हैं। आलम यह हो चुका है कि अब लोग इसे चुनावी मुद्दा तक बनाने लग गए है। मगरमच्छों से परेशान कई बस्तियों के वाशिंदे यहां तक कहने लग गए हैं कि जो मगरमच्छों से निजात दिलाएगा निकाय चुनाव में वोट उसी का देंगे।

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