
कोरोना वायरसः दुकानदारों को रखना होगा फ्लू की दवा लेने वाले ग्राहकों का रिकॉर्ड
कोरोना वायरसः दुकानदारों को रखना होगा फ्लू की दवा लेने वाले ग्राहकों का रिकॉर्ड
भुवनेश्वर/पटना/भाषा। ओडिशा और बिहार के कुछ जिलों में दवा दुकानदारों को परामर्श जारी करके फ्लू (जुकाम, खांसी और बुखार) की दवाई खरीदने वाले लोगों का रिकॉर्ड रखने को कहा गया है। अधिकारियों को शक है कि लोग जांच से बचने के लिए कोरोना वायरस के लक्षणों को दबाने के लिए दवाइयों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ओडिशा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाले औषधि प्रशासक ने दवा दुकानदारों से कहा है कि वे उन लोगों के पते या कम से कम फोन नंबर ही नोट करें जो जुकाम, खांसी और छींकों की दवाई लेने आ रहे हैं।
ओडिशा की औषधि नियंत्रक एम पटनायक ने कहा, हम जुकाम और बुखार के प्रति संवेदनशील जनसंख्या के अनुपात का पता लगाने के लिए आंकड़े एकत्र कर रहे हैं। इसमें फिक्र की कोई बात नहीं हैं। इन आंकड़ों का इस्तेमाल भविष्य में चरम परिस्थिति में किया जा सकता है।
पटनायक ने कहा कि औषधि नियंत्रक ने हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन और एजिथ्रोमाइसिन जैसी कुछ दवाइयों की बिक्री को पहले ही प्रतिबंधित कर दिया है। दवा दुकानदारों को निर्देश दिया गया है कि ये दवाइयां बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं दें।
वहीं बिहार में, स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे निर्देश जारी करने से इनकार किया है लेकिन भोजपुर और रोहतास के जिला प्रशासन ने इस बाबत दवा दुकानदारों को नोट भेजा है।
रिपोर्टें बताती हैं कि लोगों ने बड़ी संख्या में पेरासिटामोल जैसी दवाइयां खरीदी हैं, जिनका इस्तेमाल संक्रामक वायरस के लक्षणों को दबाने के लिए किया जा सकता है।
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