तलाक के बाद महिला पूर्व पति से वित्तीय राहत नहीं मांग सकती: उच्च न्यायालय

तलाक के बाद महिला पूर्व पति से वित्तीय राहत नहीं मांग सकती: उच्च न्यायालय

तलाक.. सांकेतिक चित्र

अहमदाबाद/भाषा। गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा है कि तलाक हो जाने के बाद कोई भी महिला अपने पूर्व पति से महिला घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम के तहत वित्तीय राहत की मांग नहीं कर सकती है।

न्यायमूर्ति उमेश त्रिवेदी ने हाल ही में तलाक के 27 साल बाद पति के खिलाफ महिला की कार्यवाही को खारिज करते हुए यह व्यवस्था दी।

अदालत ने कहा, पत्नी (इस कानून) के तहत तब तक पीड़ित होगी जब तक घरेलू संबंध बना रहेगा। जैसे ही यह टूट गया, घरेलू संबंध भी खत्म हो गया और तब वह पीड़ित नहीं होगी।

अदालत ने याचिकाकर्ता कांजी परमार के खिलाफ महिला घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम की धारा 19 और 20 के तहत कार्यवाही खारिज कर दी।

उसकी पूर्व पत्नी उर्मिलाबेन परमार ने वित्तीय राहत की मांग की थी। इस दंपति की 1984 में शादी हुई थी और 1990 में उनके बीच तलाक हो गया था।

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News

सेवा से दिल जीता सेवा से दिल जीता
अगर अपनी ऊर्जा पाकिस्तान के आम लोगों की भलाई पर खर्च करते तो उनका देश बहुत बेहतर स्थिति में होता...
ममता बनर्जी का आरोप- बंगाल में कांग्रेस और सीपीआई (एम) कर रहीं भाजपा की मदद
अन्याय को मिटाकर न्याय स्थापित करने के लिए कांग्रेस आ रही है: राहुल गांधी
कांग्रेस और सपा ने राम मंदिर के निर्माण को अटकाकर, भटकाकर और लटकाकर रखा: शाह
हम 'मजबूत सरकार' की बात करते हैं, ममता 'मजबूर सरकार' चाहती हैं: नड्डा
बेलगावी में बोले मोदी- 'कांग्रेस के लिए नेहा जैसी बेटियों की जिंदगी की कोई कीमत नहीं'
कर्नाटक को सूखा राहत जल्द जारी करने की मांग, सिद्दरामैया और कांग्रेस नेताओं ने धरना दिया