भाजपा के लिए देश से बड़ा कुछ नहीं, कांग्रेस के लिए अपना परिवार ही सबकुछ है: मोदी
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के मुरैना में भाजपा की 'विजय संकल्प रैली' को संबोधित किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कांग्रेस एक बार फिर कुर्सी के लिए छटपटा रही है
मुरैना/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के मुरैना में भाजपा की 'विजय संकल्प रैली' को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुरैना ने हमेशा उन्हीं का साथ दिया है, जिनके लिए राष्ट्र प्रथम है। आप सबका उत्साह देखकर मैं कह सकता हूं कि मुरैना आज भी न अपने संकल्प से डिगा है और न ही कभी डिगेगा। मुरैना ने मन बना लिया है- फिर एक बार मोदी सरकार।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मप्र के लोग जानते हैं कि समस्या से एक बार पीछा छूट जाए तो फिर उस समस्या से दूर ही रहना चाहिए। कांग्रेस पार्टी ऐसी ही विकास विरोधी और बहुत बड़ी समस्या है।प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने मप्र को बीमारू राज्यों की लाइन में खड़ा कर दिया था। भाजपा की सरकार ने कांग्रेस के बनाए गड्ढों को भरने के बाद मध्य प्रदेश और चंबल को नई और गौरवपूर्ण पहचान दिलाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार में हुए विकास को भिंड, मुरैना, ग्वालियर के वो लोग और ज्यादा अनुभव कर रहे हैं, जिन्होंने कांग्रेस का दौर देखा है। चार जून के बाद हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश का विकास और स्पीड पकड़ने जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के लिए देश से बड़ा और कुछ भी नहीं है, लेकिन कांग्रेस के लिए अपना परिवार ही सबकुछ है। कांग्रेस की पॉलिसी है, जो देश के लिए सबसे ज्यादा योगदान, मेहनत और समर्पण करे, उसे सबसे पीछे रखो। इसलिए कांग्रेस ने इतने वर्षों तक सेना के जवानों की 'वन रैंक, वन पेंशन' जैसी मांग पूरी नहीं होने दी। हमने सरकार बनते ही इसे लागू किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने सीमा पर खड़े जवानों की सुविधा की भी चिंता की। कांग्रेस सरकार ने जवानों के जो हाथ बांध रखे थे, हमनें उन्हें भी खुली छूट दे दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कांग्रेस एक बार फिर कुर्सी के लिए छटपटा रही है। कुर्सी पाने के लिए भांति-भांति के खेल, खेल रही है। ये लोग फिर से धार्मिक तुष्टीकरण को मोहरा बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। इन्होंने कर्नाटक में जितने भी एक समुदाय विशेष के लोग हैं, उन सभी को ओबीसी घोषित कर दिया है। यानी वहां कांग्रेस ने शिक्षा और सरकारी नौकरी में पहले जिन ओबीसी लोगों को आरक्षण मिलता था, उस ओबीसी समाज में इतने सारे नए लोग डाल दिए कि आरक्षण चोरी-छिपे छीन लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों का हक छीनने का षड्यंत्र लंबे समय से कर रही है। 19 दिसंबर, 2011 को तब की कांग्रेस की केंद्र सरकार धर्म के नाम पर आरक्षण देने का एक नोट कैबिनेट में लेकर आई थी। इस कैबिनेट नोट में कहा गया था कि ओबीसी समाज को जो 27 प्रतिशत आरक्षण मिलता है, उसका एक हिस्सा काटकर मजहब के नाम पर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ 2 दिन बाद 22 दिसंबर, 2011 को इसका आदेश भी निकाल दिया गया था। बाद में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने कांग्रेस सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया था। ये उच्चतम न्यायालय गए, लेकिन राहत नहीं मिली।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में लिखा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए कानून बनाना पड़े, तो कानून भी बनाएंगे, लेकिन साल 2014 में दलित, ओबीसी और आदिवासी समाज जाग गया और उसके बाद सभी समाजों ने एक होकर कांग्रेस के सपनों को मिट्टी में मिला दिया, उसको सत्ता से बाहर कर दिया।