ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही 7 जनवरी तक स्थगित
ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही 7 जनवरी तक स्थगित
नई दिल्ली/भाषा। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच विमान सेवाएं सात जनवरी तक स्थगित रहेंगी और इसके बाद ‘कड़े नियमों’ के तहत इनका संचालन किया जाएगा। नागर विमानन मंत्रालय ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वायरस के ज्यादा संक्रामक नए स्वरूप (स्ट्रेन) के सामने आने की वजह से यूरोपीय देश और भारत के बीच विमानों की आवाजाही 23 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक स्थगित रहेगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के भारत-ब्रिटेन के बीच विमान सेवाएं सात जनवरी तक स्थगित करने का सुझाव देने के बाद पुरी ने यह घोषणा की। पुरी ने ट्वीट किया, ‘ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही को सात जनवरी 2021 तक स्थगित करने का फैसला किया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘इसके बाद कड़े विनियमित तरीके से इसका संचालन शुरू किया जाएगा, जिसकी घोषणा जल्द की जाएगी।’इससे पहले, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने विमानन सचिव प्रदीन सिंह खारोला को एक सरकारी परिपत्र में कहा था कि वह ‘स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) की अध्यक्षता वाले संयुक्त निगरानी समूह (जेमएजी) और आईसीएमआर के डीजी तथा नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय कार्य बल द्वारा मिली जानकारी के आधार पर’ भारत और ब्रिटेन के बीच विमानों की आवाजाही सात जनवरी तक बंद करने का सुझाव देते हैं।
भूषण ने यह भी सुझाव दिया था कि सात जनवरी 2021 के बाद सीमित संख्या में विनियमित तरीके से विमानों का संचालन बहाल किया जा सकता है और ऐसे तंत्र की बारीकियों पर स्वास्थ्य मंत्रालय के परामर्श से नागरिक विमानन मंत्रालय काम कर सकता है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि ब्रिटेन से भारत लौटे कुल 20 लोग सार्स-सीओवी-2 के नए प्रकार (स्ट्रेन) से संक्रमित पाए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की थी कि वे सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ का हिस्सा होंगे, जो नौ से 22 दिसम्बर के बीच भारत पहुंचे और कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं ये लोग विषाणु के उस नए प्रकार से तो संक्रमित नहीं हैं जो हाल में ब्रिटेन में पाया गया है। ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए ‘स्ट्रेन’ के मामले अब तक डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में सामने आ चुके हैं।