चीन सीमा, कश्मीर और किसानों के मुद्दे पर बरसेगा विपक्ष

चीन सीमा, कश्मीर और किसानों के मुद्दे पर बरसेगा विपक्ष

नई दिल्ली। राजधानी में बदरा भले ही झमाझम नहीं बरस रहे हों लेकिन चीन के साथ सीमा पर तनाव, कश्मीर के बिग़डते हालात, किसान आंदोलन और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे मुद्दों पर विपक्ष सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में सरकार पर जमकर बरसने को तैयार है। कुछ विपक्षी दलों के नेताओं और उनके परिजनों के ठिकानों पर सीबीआई, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय के छापों, गौ रक्षा के नाम पर पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटनाओं को भी विपक्षी दल जोर शोर से उठाएंगे। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में गोरखालैंड आंदोलन तथा राज्य में कुछ स्थानों पर दंगों की घटनाएं भी संसद में उठने की संभावना है। कश्मीर में आतंकवाद की ब़ढती घटनाएं विशेष कर अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले से देश के लोगों में नाराजगी के मद्देनजर विपक्ष सरकार पर तीखा हमला बोलने की तैयारी में है। वह सरकार पर पाकिस्तान के मामले में ’’ढुलमुल’’ नीति अपनाने का भी आरोप लगाता रहा है।पश्चिम बंगाल और पुदुचेरी में सरकार और राज्यपाल के बीच कथित टकराव का मुद्दे को लेकर भी इस सत्र के दौरान गहमागहमी रहने के आसार हैं। बजट सत्र में देश भर में एक कर व्यवस्था लागू करने संबंधी जीएसटी विधेयकों को मंजूरी दिलाने के बाद सरकार इस सत्र में कुछ अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी। इनमें राष्ट्रीय पिछ़डा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित १२३ वां संविधान संशोधन विधेयक, मोटर यान संशोधन विधेयक, बैंकिंग नियमन संशोधन विधेयक आदि प्रमुख हैं। बैंकिंग नियमन संशोधन के लिए सरकार मई में अध्यादेश जारी कर चुकी है। चीन सीमा और कश्मीर के हालात पर जानकारी देने के लिए सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद विपक्ष अपने तेवर स्पष्ट कर चुका है। विपक्षी नेताओं ने साफ कहा है कि देश की सुरक्षा और राष्ट्र हित के मुद्दों पर वे सरकार के साथ हैं लेकिन सिक्किम सीमा के निकट चीन के साथ चल रहे तनाव और कश्मीर के बिग़डते हालात के मुद्दे वह देश के सर्वोच्च मंच संसद में जरूर उठाएंगे। विपक्षी दलों का कहना है कि खूफिया सूचनाओं के बावजूद अमरनाथ यात्रियों पर हुआ हमला सुरक्षा में चूक को दर्शाता है और सरकार को इसका जवाब देना होगा। गत वर्ष की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बावजूद सीमा पार से आतंकवादी घुसपैठ और पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन लगातार जारी है। हमलों में कुछ जवान भी शहीद हुए हैं और कश्मीर घाटी में आतंकवादी हिंसा की घटनाएं भी बढी हैं। इन मुद्दों का भी संसद में उठना निश्चित है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस राष्ट्रपति तथा उप राष्ट्रपति पद के उम्मीवार के चयन में बनी विपक्ष की एकजुटता को संसद में भी बनाए रखने की भरसक कोशिश कर रहा है जिससे कि सरकार को सरकार को असहज स्थिति का सामना करना प़ड सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद कमान संभाल रखी है और वह सभी दलों के नेताओं के साथ बात कर रही हैं।

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News

'छद्म युद्ध' की चुनौतियां 'छद्म युद्ध' की चुनौतियां
आर्थिक दृष्टि से अधिक शक्तिशाली भारत अपने दुश्मनों पर और ज्यादा शक्ति के साथ प्रहार कर सकेगा
दपरे: कारगिल युद्ध के वीरों के सम्मान में सेंट्रल हॉस्पिटल ने रक्तदान शिविर लगाया
कर्नाटक सरकार ने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलूरु दक्षिण करने का फैसला किया
मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर ने कारगिल युद्ध विजय की 25वीं वर्षगांठ मनाई
एमयूडीए मामला: प्रह्लाद जोशी ने सिद्दरामैया पर आरोप लगाया, सीबीआई जांच की मांग की
भोजनालयों पर नाम प्रदर्शित करने संबंधी निर्देश पर योगी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में क्या दलील दी?
'विपक्षी दल के रूप में काम नहीं कर रही भाजपा, कुछ भी गलत या घोटाला नहीं हुआ'