प्रवासी श्रमिक परिवारों की दुर्दशा की असली कसूरवार कांग्रेस: मायावती

प्रवासी श्रमिक परिवारों की दुर्दशा की असली कसूरवार कांग्रेस: मायावती

लखनऊ/भाषा। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि देश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण बेरोजगार और बेआसरा हो गए करोड़ों प्रवासी श्रमिक परिवारों की जो दुखद एवं शर्मनाक दुर्दशा हर जगह देखने को मिल रही है, उसकी असली कसूरवार कांग्रेस पार्टी ही मानी जाएगी।

Dakshin Bharat at Google News
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद केंद्र और राज्यों में कांग्रेस के लंबे शासनकाल के दौरान अगर गांव एवं शहरों में लोगों की रोजी-रोटी की सही व्यवस्था की गई होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करने को मजबूर होना पड़ता?

यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी कांग्रेसी नेताओं द्वारा कुछ श्रमिकों का दुख-दर्द बांटने संबंधी जो वीडियो दिखाए जा रहे हैं, वह इनकी हमदर्दी कम और नाटक ज्यादा लगता है। अगर कांग्रेस पार्टी इस समय यह बताती कि उसने उन पीड़ितों से मिलते समय कितने लोगों की असल में मदद की तो यह बेहतर होता।

मायावती ने कहा कि ऐसे विकट समय में उनका भाजपा की केंद्र तथा राज्य सरकारों से भी यह कहना है कि वे कांग्रेस पार्टी के पदचिह्नों पर न चलकर घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों तथा शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर ईमानदारी से अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी।

उन्होंने बसपा के कार्यकर्ताओं से भी पुनः अपील की कि जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गांवों से दूर अलग-थलग रखा गया है तथा उचित सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है, तो ऐसे लोगों की मानवीय मदद करने का प्रयास करें क्योंकि पीड़ित ही पीड़ित का दर्द समझ कर एक-दूसरे की सही मदद कर सकता है।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, निमिषा प्रिया की फांसी टली भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, निमिषा प्रिया की फांसी टली
निमिषा यमन की राजधानी सना की जेल में बंद हैं
टाटा मोटर्स ने बीएमटीसी को 148 आधुनिक स्टारबस इलेक्ट्रिक बसों की डिलीवरी शुरू की
जिनशासन के सितारे गढ़ने की पहल 'गुड लक अकाउंट योजना' लॉन्च
आत्मा सच्चिदानंद और शाश्वत सुखों से परिपूर्ण है: साध्वी हर्षपूर्णाश्री
बीती जवानी, बहता पानी, गया समय, बोले शब्द कभी लौटकर नहीं आते: संतश्री ज्ञानमुनि
सद्गुरु के समागम से सन्मार्ग की प्राप्ति होती है: आचार्यश्री प्रभाकरसूरी
संसार को जीतना सरल है, स्वयं को जीतना बहुत कठिन है: संतश्री वरुणमुनि