उप्र: लोकसभा चुनाव में सपा की शिकस्त से चिंता में मुलायम, अखिलेश को दी यह नसीहत
उप्र: लोकसभा चुनाव में सपा की शिकस्त से चिंता में मुलायम, अखिलेश को दी यह नसीहत
लखनऊ/दक्षिण भारत। इन दिनों समाजवादी पार्टी (सपा) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा चुनाव में पार्टी को तगड़ा नुकसान होने से सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव चिंतित हैं। बताया गया है कि पार्टी की सियासी जमीन दोबारा हासिल करने के लिए वे सक्रिय हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार, मुलायम ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को कई नसीहतें दी हैं, जिनमें पुराने नेताओं को दोबारा पार्टी से जोड़ने की बात भी शामिल है। मुलायम ने संगठन को फिर से मजबूत करने पर जोर दिया है। साथ ही अखिलेश के साथ चर्चा कर लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के कारणों पर भी मंथन कर रहे हैं।जानकारी के अनुसार, मुलायम ने अखिलेश से कहा है कि यदि पार्टी को दोबारा मजबूत करना है तो उन नेताओं को दोबारा जोड़ना होगा जो किन्हीं कारणों से संगठन से दूर हो गए। उन्होंने ऐसे नेताओं की वापसी की पैरवी की है जो जमीन से जुड़े हुए हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उप्र में भाजपा के खिलाफ सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन का फार्मूला विफल रहने से अखिलेश भी परेशान हैं। महागठबंधन होने के बाद यह चर्चा जोरों पर थी कि इससे भाजपा को भारी नुकसान होगा और सपा-बसपा का परंपरागत वोटबैंक इन दलों को 55-60 सीटों पर विजय दिलाकर मजबूत स्थिति में ले आएगा।
हालांकि जब ईवीएम खुलीं तो यह दावा धरा रह गया। सपा को सिर्फ पांच सीटों से संतोष करना पड़ा और बसपा को 10 सीटें मिलीं। इस तरह महागठबंधन में बसपा ज्यादा फायदे में रही जिसकी पिछली बार शून्य सीट आई थी।
इसके अलावा सपा के टिकट पर मैदान में उतरे यादव कुनबे के कई चर्चित चेहरे हार गए। अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज सीट से हार गईं। वहीं बदांयू से धर्मेंद्र यादव और फिरोजाबाद से अक्षय यादव को भी हार का मुंह देखना पड़ा।
हार के बाद उपजे हालात के मद्देनजर सपा के ट्विटर हैंडल पर यूजर्स नसीहतों के साथ ही चुनाव पूर्व किए दावों पर चुटकी ले रहे हैं। इसके अलावा संगठन से जुड़े नेता और कार्यकर्ता भी हार के कारण गिना रहे हैं। माना जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव अपने कुनबे में छिड़ी रार को समाप्त कर सपा में शिवपाल की वापसी चाहते हैं ताकि पार्टी को दोबारा मजबूत किया जा सके। वहीं अखिलेश के साथ उनकी नाराजगी जगजाहिर है। ऐसे में वक्त ही बताएगा कि सपा के ‘अच्छे दिन’ कब आएंगे।
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