हो गया ऐलान, बिहार में जदयू और भाजपा बराबर सीटों पर लड़ेंगी लोकसभा चुनाव
हो गया ऐलान, बिहार में जदयू और भाजपा बराबर सीटों पर लड़ेंगी लोकसभा चुनाव
नई दिल्ली। जदयू और भाजपा ने शुक्रवार को ऐलान कर दिया कि दोनों पार्टियां अगला लोकसभा चुनाव साथ लड़ेंगी। दोनों में सीटों के बंटवारे पर भी सहमति बन गई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और जदयू के अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुलाकात के बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
इसमें बताया गया कि आगामी लोकसभा चुनावा में दोनों पार्टियां एक-दूसरे की सहयोगी के तौर पर मैदान में उतरेंगी। शाह ने कहा कि भाजपा और जदयू दोनों बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि उनके सहयोगी दलों के लिए भी सम्मानजनक संख्या में सीटें होंगी। हालांकि इस दौरान सीटों का ऐलान नहीं किया गया। अमित शाह ने कहा कि दो-तीन दिन में ऐलान कर दिया जाएगा।अमित शाह ने बिहार में राजग के सहयोगी दलों के बीच किसी भी तरह के मतभेद से इनकार किया। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा, रामविलास पासवान राजग के साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष दुष्प्रचार में जुटा है और उसका कोई आधार नहीं है।
वहीं नीतीश कुमार ने भी कहा कि बिहार में लोकसभा चुनाव में भाजपा और जदयू दोनों बराबर सीटों के साथ चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने बताया कि बाकी सीटों के लिए बातचीत आखिरी दौर में है। अब दो-तीन दिनों में किस पार्टी को कितनी और कौनसी सीटें दी जाएंगी, इसकी घोषणा होगी।
वहीं नीतीश कुमार ने भी कहा कि बिहार में लोकसभा चुनाव में भाजपा और जदयू दोनों बराबर सीटों के साथ चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने बताया कि बाकी सीटों के लिए बातचीत आखिरी दौर में है। अब दो-तीन दिनों में किस पार्टी को कितनी और कौनसी सीटें दी जाएंगी, इसकी घोषणा होगी।
क्या है सीटों का गणित?
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार भाजपा के साथ नहीं थे। तब जदयू ने अपने उम्मीदवार उतारे। बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 31 राजग के खाते में गई थीं। अकेले भाजपा ने ही 22 सीटें जीती थीं। वहीं लोजपा के हिस्से में 6 सीटें आईं। राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
चुनाव में जयदू को खासा नुकसान हुआ था। उसे सिर्फ 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। अब समीकरण बदल चुके हैं। नीतीश कुमार दोबारा राजग के साथ आ गए। प्रदेश में भाजपा के साथ उनकी सरकार चल रही है। ऐसे में दोनों दल इस समीकरण के साथ राजग को मजबूती देने के लिए चुनाव मैदान में उतर रहे हैं।
सहयोगियों को साथ रखने की कोशिश
अमित शाह ने अपने बयान में सहयोगी दलों का भी जिक्र किया है, जिसके मुताबिक उन्हें सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी। चूंकि अभी शाह ने यह घोषणा नहीं की कि किसके हिस्से में कितनी सीटें आएंगी और जदयू के अलावा अन्य सहयोगी दलों को कितनी सीटें मिलेंगी। उन्होंने इसमें दो-तीन दिन लगने की बात कही है। इसके बाद ही स्पष्ट होगा कि अन्य घटक दलों के हिस्से में कितनी सीटें आएंगी।
यह हो सकता है असर
बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर राजग के घटक दलों के लिए हर सीट का स्पष्ट बंटवारा और सहमति होने के बाद लोगों में यह संदेश जाएगा कि नीतीश कुमार राजग के साथ ही रहेंगे। वहीं राजद, कांग्रेस और विपक्ष की अन्य पार्टियां अपना अस्तित्व बचाने के लिए इसकी काट ढूंढ़ेंगी। भविष्य में लालू और उनके बेटों के साथ नीतीश के सियासी टकराव की जोरदार संभावनाएं होंगी।