क्या नागरिक रजिस्टर पर ममता के ‘गृहयुद्ध’ वाले बयान से कांग्रेस को हो सकता है नुकसान?

क्या नागरिक रजिस्टर पर ममता के ‘गृहयुद्ध’ वाले बयान से कांग्रेस को हो सकता है नुकसान?

Rahul and Mamata Banerjee

तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल का दल है, जबकि दूसरे प्रांतों में कांग्रेस का मुकाबला भाजपा से होगा। उस स्थिति में ममता के बयान का उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर मामले पर काफी सक्रिय हैं। वे अपने बयान में ‘गृहयुद्ध’ जैसी स्थिति के परिणाम का उल्लेख कर चुकी हैं। इसी के साथ विपक्ष के अन्य दल भी सरकार पर हमलावर रुख दिखा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, ममता ने गृहयुद्ध वाला जो बयान दिया है, उससे कांग्रेस खुश नहीं है। उसे लगता है कि ऐसे बयान से कहीं न कहीं भाजपा को ही फायदा होगा।

कांग्रेस चाहती है कि ममता राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर मामले को खूब उठाएं लेकिन ऐसा कुछ बोलने से बचें जो बाद में भाजपा को फायदा पहुंचा जाए। जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात को कांग्रेस नेताओं की एक बैठक हुई। उसमें यह बात उभरकर आई कि कांग्रेस ममता के इस बयान का समर्थन नहीं कर सकती। उसे लगता है कि अगर ममता ऐसे ही शब्दों का इस्तेमाल करती रहीं तो यह न केवल पूर्वोत्तर बल्कि शेष राज्यों में भी भाजपा को खासा फायदा पहुंचाएंगे।

अगर ऐसा होता है तो इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होगा, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल का दल है, जबकि दूसरे प्रांतों में कांग्रेस का मुकाबला भाजपा से होगा। उस स्थिति में ममता के बयान का उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही आगामी लोकसभा चुनावों में गठबंधन जैसी स्थिति में ममता के बयान की कीमत कांग्रेस को चुकानी पड़ सकती है।

राष्ट्रीय नागरिक ​रजिस्टर के मसौदे में असम में 40 लाख लोगों के नाम नहीं हैं। इसके बाद पूरे देश में यह मुद्दा जोरदार चर्चा में है। ममता बनर्जी ने इस पर बयान दिया था कि इससे देश में गृहयुद्ध और रक्तपात जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। सोशल मीडिया पर ममता का यह बयान काफी सुर्खियां बटोर रहा है।

हजारों लोगों ने इस पर नाराजगी जताई है कि एक मुख्यमंत्री को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति देश का ना​गरिक है तो उसका नाम जुड़वाने की हर संभव कोशिश की जाए, लेकिन जो घुसपैठिए हमारी जमीन पर फलफूल रहे हैं, उन्हें बाहर निकालने में किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए।

पढ़ना न भूलें: 
– एनआरसी से खफा लेकिन बांग्लादेशी घुसपैठ के इन 3 सवालों पर मौन क्यों हैं ममता दीदी?
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