उम्र से बड़ा इनका हौसला: 75 की उम्र में अंटार्कटिका फतह कर आए लेफ्टिनेंट कर्नल कल्याण

-3 डिग्री सेल्सियस तापमान पर डुबकी भी लगाई

उम्र से बड़ा इनका हौसला: 75 की उम्र में अंटार्कटिका फतह कर आए लेफ्टिनेंट कर्नल कल्याण

24 अक्टूबर को हाई-एल्टीट्यूड 'तवांग मैराथन’ में शामिल हुए

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। एक सैनिक के अदम्य साहस, सख्त अनुशासन और दृढ़ भावना को मूर्त रूप देने वाले जीवन में लेफ्टिनेंट कर्नल ओपीएन कल्याण (सेवानिवृत्त) सैनिकों और नागरिकों की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। उनका 12 जुलाई, 1949 को मद्रास में हुआ था। उनके पिता मेजर ओपीवी चारी भारतीय सेना के शुरुआती पैराट्रूपर्स में से एक थे।

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लेफ्टिनेंट कर्नल कल्याण की अपनी यात्रा किंग जॉर्ज स्कूल, बेंगलूरु (अब राष्ट्रीय सैन्य स्कूल) से शुरू हुई थी। उन्होंने 15 जून, 1969 को ओटीएस, मद्रास से सेना सेवा कोर में कमीशन प्राप्त करने के बाद, साल 1971 के भारत-पाक युद्ध में 310 पेट्रोलियम प्लाटून एएससी की कमान संभाली थी। उन्हें युद्धकालीन सेवा के सम्मान में साल 2022 में ढाका में बांग्लादेश के 51वें विजय दिवस समारोह में विशेष रूप से आमंत्रित किए गए 35 भारतीय सशस्त्र बल अधिकारियों में शामिल किया गया था। 

एक प्रशिक्षित पैराट्रूपर लेफ्टिनेंट कर्नल कल्याण ने साल 1987 से 1989 तक सियाचिन ब्रिगेड के लिए 5102 एएससी कंपनी (कम्पोजिट) का गठन किया और कमान संभाली थी। अपने 38 साल के करियर में, जिसमें चार साल का पुनर्नियोजन भी शामिल है, उन्होंने माउंटेन ब्रिगेड, मुख्यालय कोर और कमांड मुख्यालय में प्रमुख पदों पर काम किया था।

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वे विभिन्न परिचालन और विशिष्ट सेवाओं के लिए 12 पदकों से अलंकृत हैं। उन्हें सेना प्रमुख, दक्षिणी सेना कमांडर और अंडमान एवं निकोबार कमान के सी-इन-सी प्रशस्ति पत्र से भी सम्मानित किया जा चुका है। वहीं, एक कुशल एथलीट के रूप में, उन्होंने हांगकांग (1990 और 1992), सिंगापुर (1991) और मलयेशिया (1995) में आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेटरन्स एथलेटिक्स मीट में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उस दौरान चार पदक जीते और एथलेटिक्स के लिए आर्मी सर्विस कोर क्रेस्ट और ब्लेजर अर्जित किया था। 

सर्विसेज ताइक्वांडो टीम के मैनेजर के रूप में, उन्होंने चेन्नई में आयोजित राष्ट्रीय ताइक्वांडो चैंपियनशिप (2006) में टीम को जीत दिलाई थी। साल 2006 से 2012 के बीच, उन्होंने राष्ट्रीय मास्टर्स एक्वाटिक चैंपियनशिप में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व किया और तैराकी में 10 पदक जीते थे।

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उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद एएससी संग्रहालय, बेंगलूरु में (2008-2023) क्यूरेटर की भूमिका निभाई थी। उन्होंने 75 साल की उम्र में अंटार्कटिका का अभियान चलाया था। उसके अगले साल 22 निर्जन द्वीपों पर आर्कटिक अभियान चलाया था। उन्होंने दक्षिणी सागर और आर्कटिक महासागर दोनों में -3 डिग्री सेल्सियस तापमान पर डुबकी लगाई थी। 18 अगस्त, 2025 को नॉर्वे के टॉन्सबर्ग स्काईडाइविंग क्लब में 7,000 फीट से स्काईडाइविंग पूरी की थी। उनकी नवीनतम उपलब्धि 24 अक्टूबर, 2025 को हाई-एल्टीट्यूड 'तवांग मैराथन’ में भागीदारी है। 

लेफ्टिनेंट कर्नल ओपीएन कल्याण की कहानी सिर्फ एक सैनिक द्वारा की गई सेवा की कहानी नहीं है। यह एक इन्सान के साहस की भी कहानी है, जिसकी उम्र चाहे जो हो, लेकिन वह आगे बढ़ते रहने, चुनौतियां स्वीकार करने और प्रेरणा देते रहने के लिए तत्पर रहता है।

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