हर वह उत्पाद जो हम भारत में बना सकते हैं, उसे भारत में बनाना है: प्रधानमंत्री

मोदी ने ग्रेटर नोएडा में उप्र अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो का उद्घाटन किया

हर वह उत्पाद जो हम भारत में बना सकते हैं, उसे भारत में बनाना है: प्रधानमंत्री

Photo: @NarendraModi YouTube Channel

नोएडा/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज हम सभी के मार्गदर्शक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती है। उन्होंने हमें अंत्योदय की राह दिखाई थी। अंत्योदय यानी जो सबसे आखिर में है, उसका उदय। गरीब से गरीब तक विकास पहुंचे और हर भेदभाव समाप्त हो, यही अंत्योदय है। इसमें ही सामाजिक न्याय की मजबूती निहित है। आज विकास का यही मॉडल भारत, दुनिया को दे रहा है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि इस व्यापार मेले में 2,200 से ज़्यादा प्रदर्शक अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वर्ष, रूस इस आयोजन के लिए नामित भागीदार देश है, जो हमारी दीर्घकालिक और विश्वसनीय साझेदारी को और मज़बूत करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने ऐसे ओपन प्लेटफॉर्म बनाए हैं, जो सबको साथ लेकर चलते हैं — यूपीआई, आधार, डिजीलॉकर, ओएनडीसी। ये सबको मौके दे रहे हैं। यानी सभी के लिए प्लेटफॉर्म, सभी के लिए प्रगति। आज भारत में इसका असर हर जगह दिखाई देता है। मॉल में शॉपिंग करने वाला भी यूपीआई इस्तेमाल करता है और सड़क पर चाय बेचने वाला भी करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की दुनिया में, फिनटेक क्षेत्र चर्चा का एक प्रमुख विषय बन गया है। इसका सबसे उल्लेखनीय योगदान समावेशी विकास को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका है। भारत ने ऐसे नवोन्मेषी प्लेटफ़ॉर्म विकसित किए हैं, जो सभी की ज़रूरतों को पूरा करते हैं और वित्तीय एवं डिजिटल सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करते हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना ही होगा। हर वह उत्पाद जो हम भारत में बना सकते हैं, उसे हमें भारत में बनाना है। दुनिया में हो रहे अवरोधों और अनिश्चितता के बावजूद भारत की ग्रोथ आकर्षक है। अवरोध हमें भटकाते नहीं हैं, लेकिन हम उस परिस्थिति में से नई दिशा खोजते हैं और नए अवसर ढूंढ़ते हैं। इसलिए इनके बीच आज भारत आने वाले दशकों की नींव मजबूत कर रहा है। इसमें हमारा संकल्प है, हमारा मंत्र है — आत्मनिर्भर भारत। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीईएम पोर्टल के माध्यम से लगभग 25 लाख विक्रेता और सेवा प्रदाता पंजीकृत हैं, जो सीधे सरकार को वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति करते हैं। इन विक्रेताओं में मुख्य रूप से छोटे व्यापारी और दुकानदार शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि इस पोर्टल के माध्यम से उत्पादों और सेवाओं में 15 लाख करोड़ रुपए के लेनदेन हुए हैं। इसमें से 7 लाख करोड़ रुपए मूल्य की वस्तुएं और सेवाएं विशेष रूप से एमएसएमई से खरीदी गई हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरे भारत में जितने मोबाइल फोन बनते हैं, उसमें से 55 प्रतिशत मोबाइल उत्तर प्रदेश में बनते हैं। उप्र अब सेमीकंडक्टर सेक्टर में भी भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूती देगा। यहां से कुछ किलोमीटर दूर ही एक बड़ी सेमीकंडक्टर फैसिलिटी पर काम शुरू होने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आप सभी का आह्वान करता हूं— उप्र में निवेश कीजिए, उप्र में मैन्युफैक्चर कीजिए। यहां लाखों एमएसएमई का मजबूत नेटवर्क है, उनकी सामर्थ्य इस्तेमाल कीजिए और एक कंप्लीट प्रोडक्ट यहीं तैयार कीजिए। इसके लिए हर मदद के साथ उप्र सरकार और भारत सरकार आपके साथ है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सेनाएं 'स्वदेशी' चाहती हैं और दूसरों पर निर्भरता को कम करना चाहती हैं। इसलिए हम भारत में ही एक वाइब्रेंट डिफेंस सिस्टम विकसित कर रहे हैं, पुर्जे—पुर्जे पर मेड इन इंडिया की छाप हो, हम ऐसा एक इकोसिस्टम बना रहे हैं, और उप्र इसमें भी बड़ी भूमिका निभा रहा है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 से पहले इतने सारे टैक्स थे कि बिजनेस की कॉस्ट और परिवार का बजट कभी संतुलित नहीं हो पाते थे। इसे संतुलित करना मुश्किल था। साल 2014 में 1,000 रुपए की शर्ट पर 117 रुपए टैक्स लगता था। साल 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स घटकर 50 रुपए हो गया। अब नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म के बाद 1,000 रुपए की शर्ट पर सिर्फ 35 रुपए टैक्स देना होगा। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सशस्त्र सेनाएं आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और बाहरी स्रोतों पर निर्भरता कम करने की आकांक्षा रखती हैं। इस उद्देश्य से, हम भारत में एक मज़बूत रक्षा अवसंरचना विकसित करने के लिए समर्पित हैं, और इस बात पर ज़ोर देते हैं कि हर घटक गर्व से भारत में निर्मित हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए, हम एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश इस पहल में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इन प्रयासों के अनुरूप, रूस की सहायता से स्थापित एक कारखाने में जल्द ही एके-203 राइफलों का उत्पादन शुरू होगा।

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