कैसे मिटेगी भ्रष्टाचार की दीमक?

भ्रष्टाचारी बेलगाम होते जा रहे हैं

कैसे मिटेगी भ्रष्टाचार की दीमक?

अनगिनत सरकारी अधिकारी व कर्मचारी कुर्सी पर कुंडली मारकर बैठे हैं

असम में एक महिला एसीएस अधिकारी की संपत्ति का उसकी आय के ज्ञात स्रोतों से 400 गुना ज्यादा पाया जाना इस बात का एक और ज्वलंत प्रमाण है कि देश में भ्रष्टाचारी बेलगाम होते जा रहे हैं। आम आदमी अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए रोज़ाना संघर्ष कर रहा है और ऐसे अधिकारियों के ठाठ बढ़ते जा रहे हैं। उक्त अधिकारी पांच साल की नौकरी में ही करोड़ों की मालकिन बन गई। उसके आवास पर छापेमारी में 92.50 लाख रुपए से ज्यादा की नकदी और लगभग 1.5 करोड़ के आभूषण बरामद होने का सीधा-सा मतलब यह है कि अधिकारी महोदया ने कुर्सी मिलते ही जमकर चांदी कूटनी शुरू कर दी थी। प्रशासनिक सेवा परीक्षाओं में सफलता मिलने के बाद साक्षात्कार में 'देशसेवा' का वादा करने वाले कुछ अधिकारियों का इतना पतन कैसे हो जाता है? असम की यह अधिकारी तो सिर्फ एक उदाहरण है। देश में ऐसे अनगिनत सरकारी अधिकारी व कर्मचारी कुर्सी पर कुंडली मारकर बैठे हैं, जो बगैर रिश्वत काम नहीं करते। उन्हें न तो अपने कृत्यों पर कभी लज्जा आती है, न नौकरी जाने का डर रहता है। आखिर हम कैसी व्यवस्था में जी रहे हैं? महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, वीर भगत सिंह और असंख्य त्यागी एवं बलिदानी महापुरुषों ने ऐसा भारत बनाने का ख़्वाब तो नहीं देखा था, जहां अंग्रेजों की जगह हिंदुस्तानी अफसर जनता का खून चूसने लग जाएं! पद और शक्ति पाने के बाद भ्रष्ट आचरण करने वाले ये अधिकारी उन लोगों की प्रतिष्ठा को भी बट्टा लगाते हैं, जो अपना काम बहुत ईमानदारी से करते हैं। कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी सम्मान के पात्र हैं। उनके होने से जनता राहत महसूस करती है।

Dakshin Bharat at Google News
सवाल है- उन अधिकारियों व कर्मचारियों का क्या किया जाए, जिन्होंने सरकारी नौकरी को रिश्वतखोरी का लाइसेंस समझ रखा है? भ्रष्टाचारियों को नकेल डालने के लिए सरकार को कुछ सख्त कदम उठाने होंगे। ऐसे लोगों के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतें बनाकर जल्दी फैसला होने की व्यवस्था करनी चाहिए। भ्रष्टाचारी की संपूर्ण संपत्ति जब्त करनी चाहिए। उसे उम्रकैद से कम सजा नहीं होनी चाहिए। प्राय: दोषी ठहराए गए अधिकारियों के बारे में जनता को कम जानकारी मिलती है। ऐसे लोगों की तस्वीरें सार्वजनिक स्थानों पर लगानी चाहिएं, जिन पर उनका नाम, पद, अपराध आदि लिखे हों। चीन ने भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए एक अनूठे तरीके पर काम किया था। उसके तहत, जब कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी में आता, तो उसे पहले दिन दफ्तर के बजाय जेल की सैर कराई जाती थी। वहां उन कैदियों से मुलाकात कराई जाती थी, जो कभी सरकारी अधिकारी थे, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण कैद कर लिए गए थे। चीन के सरकारी टीवी पर एक कार्यक्रम शुरू किया गया था, जिसमें किसी राजनेता, खिलाड़ी या फिल्मी सितारे का नहीं, बल्कि उन कैदियों का साक्षात्कार लिया जाता था, जिन्होंने सरकारी नौकरी के दौरान भ्रष्टाचार किया था। वे खासकर युवाओं को सावधान करते थे कि सरकारी नौकरी में भ्रष्टाचार से पूरी तरह दूर रहें, अन्यथा जीवन बर्बाद हो जाएगा। ऐसे साक्षात्कार देखकर लोग भ्रष्टाचार से तौबा कर लेते थे। भारत में सरकारी नौकरी बहुत मुश्किल से मिलती है। अगर भ्रष्टाचार को लेकर इस तरह सख्त कार्रवाई और प्रचार पर जोर दिया जाए तो निश्चित रूप से असर पड़ेगा। अपनी संपत्ति, नौकरी, प्रतिष्ठा और पूरे जीवन को दांव पर लगाकर रिश्वत लेना भारी घाटे का सौदा बन जाएगा। भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्तियों के बारे में गुप्त सूचनाएं पहुंचाने वाले लोगों को उनका एक भाग इनाम में देने का प्रयोग शुरू करना चाहिए। एआई के इस दौर में सभी सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन कर देना चाहिए। अधिकारियों की जवाबदेही हो कि वे निश्चित समय में काम पूरा करके दें। किसी को भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए तकनीक सबसे असरदार हथियार है।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download