न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए कितने सांसदों ने हस्ताक्षर किए?

हस्ताक्षर प्रक्रिया चल रही है

न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए कितने सांसदों ने हस्ताक्षर किए?

Photo: PixaBay

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को कहा कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के लिए संसद में प्रस्ताव लाने के लिए 100 से ज्यादा सांसदों ने पहले ही एक नोटिस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस तरह यह लोकसभा में महाभियोग प्रक्रिया पेश करने के लिए जरूरी समर्थन की सीमा को पार कर गया है।

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सर्वदलीय बैठक के बाद रिजिजू ने संवाददाताओं से कहा, 'हस्ताक्षर प्रक्रिया चल रही है और ये 100 से ज्यादा हो चुके हैं।'

उन्होंने कहा कि प्रस्ताव कब पेश किया जाएगा, यह निर्णय कार्य मंत्रणा समिति को करना है। कार्य मंत्रणा समिति, दलों का एक समूह है जो अपने-अपने सदनों में एजेंडा को अंतिम रूप देता है।

किसी न्यायाधीश को हटाने के प्रस्ताव पर लोकसभा में कम से कम 100 और राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिएं। यह प्रस्ताव निचले सदन में लाए जाने की संभावना है।

सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के साथ, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह संसद की इसी बैठक के दौरान प्रस्ताव लाएगी और 'न्यायपालिका में भ्रष्टाचार' के खिलाफ इस कदम में विपक्ष सहित विभिन्न दलों से समर्थन प्राप्त कर रही है।

जब रिजिजू से पूछा गया कि क्या सत्र के पहले सप्ताह में प्रस्ताव लाया जा सकता है, तो उन्होंने कहा, 'मैं प्राथमिकता के आधार पर किसी भी कार्य पर टिप्पणी नहीं कर सकता, क्योंकि जब तक मामला अध्यक्ष की मंजूरी से बीएसी द्वारा पारित नहीं हो जाता, मेरे लिए बाहर कोई घोषणा करना कठिन है।'

उन्होंने कहा था, 'न्यायपालिका में भ्रष्टाचार एक अत्यंत संवेदनशील और गंभीर मामला है क्योंकि न्यायपालिका ही वह जगह है जहां लोगों को न्याय मिलता है। अगर न्यायपालिका में भ्रष्टाचार है, तो यह सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इसीलिए न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के प्रस्ताव पर सभी राजनीतिक दलों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने चाहिएं।'

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