आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में देश की एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है: मोदी

प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों के साथ अपने विचार साझा किए

आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में देश की एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है: मोदी

Photo: narendramodi FB Page

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों के साथ अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज जब मैं आपसे मन की बात कर रहा हूं तो मन में गहरी पीड़ा है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई आतंकी वारदात ने देश के हर नागरिक को दु:ख पहुंचाया है। 

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प्रधानमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवारों के प्रति हर भारतीय के मन में गहरी संवेदना है। भले ही वो किसी भी राज्य का हो, वो कोई भी भाषा बोलता हो, लेकिन वो उन लोगों के दर्द को महसूस कर रहा है, जिन्होंने इस हमले में अपने परिजन को खोया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम में हुआ यह हमला, आतंक के सरपरस्तों की हताशा को दिखाता है, उनकी कायरता को दिखाता है। ऐसे समय में जब कश्मीर में शांति लौट रही थी, स्कूल-कॉलेजों में एक वाइब्रेंसी थी, निर्माण कार्यों में अभूतपूर्व गति आई थी, लोकतंत्र मजबूत हो रहा था, पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही थी, लोगों की कमाई बढ़ रही थी, युवाओं के लिए नए अवसर तैयार हो रहे थे। देश के दुश्मनों को, जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को यह रास नहीं आया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकी और आतंक के आका चाहते हैं कि कश्मीर फिर से तबाह हो जाए और इसलिए इतनी बड़ी साजिश को अंजाम दिया। आतंकवाद के खिलाफ इस युद्ध में देश की एकता, 140 करोड़ भारतीयों की एकजुटता, हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यही एकता, आतंकवाद के खिलाफ हमारी निर्णायक लड़ाई का आधार है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें देश के सामने आई इस चुनौती का सामना करने के लिए अपने संकल्पों को मजबूत करना है। हमें एक राष्ट्र के रूप में दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करना है। आज दुनिया देख रही है, इस आतंकी हमले के बाद पूरा देश एक स्वर में बोल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोगों में जो आक्रोश है, वह आक्रोश पूरी दुनिया में है। इस आतंकी हमले के बाद लगातार दुनियाभर से संवेदनाएं आ रही हैं। मुझे भी वैश्विक नेताओं ने फोन किए हैं, पत्र लिखे हैं, संदेश भेजे हैं। इस जघन्य तरीके से किए गए आतंकी हमले की सबने कठोर निंदा की है। उन्होंने मृतकों के परिवारजन के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा विश्व, आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में, 140 करोड़ भारतीयों के साथ खड़ा है। मैं पीड़ित परिवारों को फिर भरोसा देता हूं कि उन्हें न्याय मिलेगा, न्याय मिलकर रहेगा। इस हमले के दोषियों और साजिश रचने वालों को कठोरतम जवाब दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दो दिन पहले हमने देश के महान वैज्ञानिक डॉ के. कस्तूरीरंगन को खो दिया है। विज्ञान, शिक्षा और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाई देने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व में इसरो को एक नई पहचान मिली। देश की निःस्वार्थ सेवा और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत एक वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बन चुका है। हमने एक साथ 104 उपग्रहों को लॉन्च करके रिकॉर्ड बनाया है। हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाले पहले देश बने हैं। भारत ने मंगल ऑर्बिटर मिशन का प्रक्षेपण किया है और हम आदित्य एल1 मिशन के जरिए सूरज के काफी करीब तक पहुंचे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावी लागत, लेकिन सफल अंतरिक्ष कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहा है। दुनिया के कई देश अपने उपग्रह और अंतरिक्ष अभियान के लिए इसरो की मदद लेते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत ने अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोल दिया है। आज बहुत से युवा अंतरिक्ष स्टार्टअप में नए झंडे लहरा रहे हैं। 10 साल पहले इस क्षेत्र में सिर्फ एक कंपनी थी, लेकिन आज देश में सवा तीन सौ से ज्यादा अंतरिक्ष स्टार्टअप काम कर रहे हैं। आने वाला समय अंतरिक्ष में बहुत सारी नई संभावनाएं लेकर आ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नई ऊंचाइयों को छूने वाला है। देश गगनयान, स्पैडेक्स और चंद्रयान-4 जैसे कई अहम मिशन की तैयारियों में जुटा है। हम शुक्र परिक्रमा मिशन और मंगल लैंडर मिशन पर भी काम कर रहे हैं। हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिक अपने इनोवेशन्स से देशवासियों को नए गर्व से भरने वाले हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले महीने म्यांमार में आए भूकंप की खौफनाक तस्वीरें आपने जरूर देखी होंगी। भूकंप से वहां बहुत बड़ी तबाही आई, मलबे में फंसे लोगों के लिए एक-एक सांस, एक-एक पल कीमती था, इसलिए भारत ने म्यांमार के हमारे भाई-बहनों के लिए तुरंत ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया। वायुसेना के एयरक्राफ्ट से लेकर नौसेना के जहाज तक म्यांमार की मदद के लिए रवाना हो गए। वहां भारतीय टीम ने एक फील्ड अस्पताल तैयार किया। जब भी मानवता की सेवा की बात आती है, तो भारत हमेशा आगे रहता है और भविष्य में भी ऐसी हर जरूरत में हमेशा आगे रहेगा।

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