जम्मू-कश्मीर के विलय का काम सरदार पटेल को सौंपा होता तो अनुच्छेद 370 की समस्या पैदा नहीं होती: राजनाथ सिंह

जनाथ सिंह ने लखनऊ में ‘रन फॉर यूनिटी’ के आयोजन को संबोधन किया

जम्मू-कश्मीर के विलय का काम सरदार पटेल को सौंपा होता तो अनुच्छेद 370 की समस्या पैदा नहीं होती: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत को 'एक भारत' बनाने में सरदार पटेल की जो भूमिका रही, उसको प्रमुखता से सामने नहीं आने दिया गया

लखनऊ/दक्षिण भारत। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के अवसर पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘रन फॉर यूनिटी’ के आयोजन को संबोधन किया। उन्होंने कहा कि आज के दिन हमें उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं का स्मरण करना चाहिए, जिन्होंने भारत को आजाद कराने में और स्वतंत्र भारत के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई थी।

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रक्षा मंत्री ने कहा कि जब भारत आजाद हुआ था तो वह 562 रियासतों में बंटा हुआ था। अंग्रेजों ने जान-बूझकर रियासतों को विलय करने या अलग रहने का निर्णय करने का मौका दिया था। ऐसे में देश के गृहमंत्री के रूप में सरदार पटेल के सामने क्या कठिन परिस्थिति और चुनौती रही होगी, इसकी आज कल्पना करना भी मुश्किल है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सरदार पटेल की दूरदर्शिता और उनकी कूटनीतिक एवं रणनीतिक क्षमता का ही परिणाम था कि भारत की एकता और अखंडता सुनिश्चित की जा सकी। आप सभी ने जूनागढ़ रियासत और निजामशाही से जुड़ीं घटनाओं के बारे में सुना होगा। सरदार पटेल ने इन दोनों रियासतों का भारत में विलय कराया था। 

रक्षा मंत्री ने कहा कि यदि जम्मू एवं कश्मीर के विलय का काम भी सरदार पटेल को ही सौंपा गया होता तो संविधान की अनुच्छेद 370 की समस्या पैदा ही नहीं हुई होती। सरकार पटेल ने उस समय सूझ-बूझ और दृढ़ता का परिचय न दिया होता तो आज भारतवासियों को जूनागढ़ और हैदराबाद जाने के लिए वीजा, पासपोर्ट की जरूरत पड़ रही होती।

रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत को 'एक भारत' बनाने में सरदार पटेल की जो भूमिका रही है, उसको प्रमुखता से सामने नहीं आने दिया गया। जबकि सरदार पटेल ने केवल 'एक भारत' पर काम नही किया, बल्कि भारत को चलाने के लिए सिविल सेवाओं जैसे ‘स्टील फ्रेम’ का भी निर्माण किया था।

रक्षा मंत्री ने कहा कि हम सरदार पटेल को वह सम्मान दिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिसके वे हमेशा सच्चे हकदार रहे हैं। साल 2013 में पहली बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मैंने दिल्ली में पहली ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाई थी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम हर साल इसलिए आयोजित किया जा रहा है, ताकि इस देश की युवा पीढ़ी सरदार पटेल के योगदान का महत्त्व समझे और उनसे प्रेरणा लेकर भारत की एकता और अखंडता का संदेश लेकर जनता के बीच उनका संदेश पहुंचाए और उसको जगाए रखे।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में सरदार पटेल की 182 फीट ऊंची प्रतिमा को स्थापित किया है और उसका नाम है ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’। यह प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से भी बड़ी है और दुनिया की कोई भी प्रतिमा सरदार पटेल की इस प्रतिमा से बड़ी नहीं है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं कई बार केवड़िया गया हूं। मेरे लिए केवड़िया एक प्रेरणा स्थल है। मगर आप लोगों को जानकर यह हर्ष होगा कि यह प्रेरणा स्थल होने के साथ-साथ पर्यटन स्थल भी है। इसलिए आप लोग भी गुजरात जरूर जाइए और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के दर्शन जरूर कीजिए।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की जयंती एकजुटता के संकल्प का दिन है, एकता के संकल्प का दिन है और अखंडता बनाए रखने का संकल्प लेने का भी दिन है। इसलिए मैं आप सब लोगों से एकता का संकल्प भी लेने का आग्रह करूंगा।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते है कि देश का युवा आगे आए और दृढ़ संकल्प के साथ नए भारत के निर्माण के लिए काम करे। आज, प्रधानमंत्री युवाओं को एक मंच पर लाने के लिए ‘मेरा युवा भारत’ अभियान भी लॉन्च करने जा रहे हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत युवाओं को राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों से जुड़ने के लिए एक अवसर और एक मंच दिया जाएगा। आपसे अपील है कि इस अभियान से बड़ी संख्या में जुड़ें। आपका यह एक कदम सरदार पटेल के सपनों के ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण में एक बड़ी छलांग सिद्ध होगा।

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