भारत की विदेशों पर निर्भरता कम से कम हो, अब आत्मनिर्भर बनना ही है: मोदी
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान पर बजट पश्चात वेबिनार को संबोधित किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में 260 से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान पर बजट पश्चात वेबिनार को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हम निरंतर यह प्रयास कर रहे हैं कि भारत की विदेशों पर निर्भरता कम से कम हो। भारत में इलाज को अफोर्डेबल बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी ने पूरी दुनिया को एक सबक दिया है कि जब भी ऐसी स्थिति आती है तो विकसित और समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं की नींव तक हिल जाती है। दुनिया का फोकस अब हेल्थकेयर पर हो गया है, जबकि भारत सिर्फ हेल्थकेयर को मजबूत करने की दिशा में ही नहीं, बल्कि वेलनेस पर भी काम कर रहा है।प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत पांच लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज से देश के करोड़ों मरीज़ों के लगभग 80 हज़ार करोड़ रुपए बीमारी में उपचार के लिए खर्च होने वाले थे, वो बचे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां करीब 9 हजार जन औषधि केंद्र हैं और यहां बाज़ार भाव से बहुत सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं। इससे भी ग़रीब और मिडिल क्लास परिवारों को लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपए की बचत हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में अच्छे और आधुनिक हेल्थ इंफ़्रा का होना बहुत ज़रूरी है। आज देश में डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तैयार हो रहे हैं। इन सेंटरों में डायबिटीज़, कैंसर और हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग की सुविधा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ़्रास्ट्रक्चर के तहत क्रिटिकल हेल्थ इंफ़्रा को छोटे शहरों और क़स्बों तक ले जाया जा रहा है। छोटे शहरों में नए अस्पताल तो बन ही रहे हैं, हेल्थ सेक्टर से जुड़ा एक पूरा इको सिस्टम विकसित हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में 260 से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। मेडिकल सीटों की संख्या 2014 के बाद आज दोगुनी हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज के पास ही 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलना, मेडिकल ह्यूमन रिसोर्स के लिए एक बड़ा कदम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी की वजह से दवाओं की डिलीवरी और टेस्टिंग से जुड़े परिवहन में एक क्रांतिकारी परिवर्तन आता दिख रहा है। हमारे उद्यमी यह सुनिश्चित करें कि हमें किसी भी तकनीक को आयात करने से बचना चाहिए, अब आत्मनिर्भर बनना ही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी-कभी आपदा भी खुद को साबित करने का अवसर लेकर आती है। कोविड काल में भारत के फार्मा सेक्टर ने जिस प्रकार से पूरी दुनिया का विश्वास हासिल किया है, वह अभूतपूर्व है। इसे हमें पूंजीकृत करना ही होगा।