धोनी को विश्व कप 2019 के बाद ही संन्यास ले लेना चाहिए था: अख्तर
धोनी को विश्व कप 2019 के बाद ही संन्यास ले लेना चाहिए था: अख्तर
नई दिल्ली/भाषा। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी को पिछले साल वनडे विश्व कप के बाद ही संन्यास ले लेना चाहिए था और वह नहीं जानते कि इस पूर्व भारतीय कप्तान ने यह फैसला इतने लंबे समय तक क्यों लटकाए रखा है।
अख्तर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 38 वर्षीय धोनी को शानदार विदाई दी जाएगी, भले ही अभी यह पता नहीं कि खेल कब शुरू हो पाएंगे। अख्तर ने कहा, ‘इस खिलाड़ी ने अपनी पूरी क्षमता से क्रिकेट की सेवा की है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ क्रिकेट को अलविदा कहना चाहिए। मैं नहीं जानता कि उन्होंने इसे इतना लंबा क्यों खींचा। उन्हें विश्व कप के बाद ही संन्यास ले लेना चाहिए था।’उन्होंने कहा, ‘अगर मैं उसकी जगह होता तो संन्यास ले चुका होता। मैं छोटे प्रारूपों में तीन-चार साल और खेल सकता था लेकिन मैंने (विश्व कप 2011 के बाद) संन्यास ले लिया क्योंकि मैं खेल को शत प्रतिशत नहीं दे पा रहा था। इसलिए फैसले के लिए इंतजार क्यों करो।’
धोनी ने पिछले साल जुलाई में विश्व कप सेमीफाइनल के बाद कोई प्रतिस्पर्धी मैच नहीं खेला है। वह आईपीएल की तैयारियों में जुटे थे लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण अब इस टूर्नामेंट पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।
अगर वह आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करते तो उनकी अक्टूबर-नवंबर में होने वाले टी20 विश्व कप में खेलने की संभावना बनी रहती। अख्तर का मानना है कि धोनी अब अधर में लटके हैं लेकिन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वे शानदार विदाई के हकदार हैं।
उन्होंने कहा, ‘एक देश के तौर पर आपको उन्हें पूरे सम्मान और गरिमा के साथ विदाई देनी चाहिए। उन्होंने आपके लिए विश्व कप जीता और भारत की तरफ से शानदार प्रदर्शन किया है। वे बहुत अच्छा इंसान भी है लेकिन अभी लगता है कि वह अधर में लटका है।’
अख्तर ने कहा कि धोनी को पिछले साल विश्व कप के बाद ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देना चाहिए था।उन्होंने कहा, ‘जब वह (न्यूजीलैंड के खिलाफ) सेमीफाइनल में टीम को जीत नहीं दिला पाया, मुझे लगता है कि उसे तभी संन्यास ले लेना चाहिए था लेकिन उसने ऐसा क्यों नहीं किया, इसका जवाब वही दे सकता है।’
अख्तर ने कहा, ‘उन्हें या तो विश्व कप के विदाई शृंखला में खेलना चाहिए था और शानदार अंदाज में क्रिकेट को अलविदा कहना चाहिए था।’ भारतीय टीम 2013 चैंपियन्स ट्रॉफी के बाद कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत पाई और अख्तर का मानना है कि विराट कोहली की टीम को मध्यक्रम में मैच विजेताओं की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘टूर्नामेंट जीतना अलग बात है और शीर्ष पर बने रहना अलग। भारत अब भी टेस्ट क्रिकेट की नंबर एक टीम है और सीमित ओवरों में भी शीर्ष टीमों में शामिल है। इसलिए केवल आईसीसी टूर्नामेंटों में प्रदर्शन के आधार पर हमें आकलन नहीं करना चाहिए।’
अख्तर ने कहा, ‘निश्चित तौर पर उन्हें आईसीसी प्रतियोगिताएं जीतनी चाहिए। जब चोटी के चार बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो वे अमूमन जीत हासिल करते हैं लेकिन ऐसा नहीं होने पर उनकी स्थिति बिगड़ जाती है। उन्हें मध्यक्रम में युवराज (सिंह) और धोनी जैसे मैच विजेता चाहिए।’