पर्यटकों की पहली पसंद बने भारत

पर्यटकों की पहली पसंद बने भारत

पर्यटकों की पहली पसंद बने भारत

दक्षिण भारत राष्ट्रमत में 19 जनवरी, 2021 को प्रकाशित संपादकीय

गुजरात के केवड़िया स्थित ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ ने पर्यटकों की संख्या के लिहाज से अमेरिका की ‘स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी’ को पछाड़ दिया है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को यह जानकारी दी है। अक्टूबर 2018 में जब मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया तो इस पर कई सवाल उठे थे।

Dakshin Bharat at Google News
तब यह तर्क दिया जाता था कि प्रतिमाओं पर पैसा लगाना व्यर्थ है, बेहतर होता कि इतनी राशि से कोई अस्पताल बना दिया जाता। यह सच है कि देश को अस्पतालों, स्कूलों और कारखानों की बहुत जरूरत है। ये देश को स्वास्थ्य, ज्ञान और रोजगार देते हैं। इनके महत्व को कोई नहीं नकार सकता।

लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हमारा देश विविधताओं से भरा है जो देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है। अगर हम संसाधनों का ठीक इस्तेमाल करते हुए राशि खर्च करते हैं तो यह देश के भविष्य के लिए एक सुरक्षित निवेश होता है।

अभी कोरोना महामारी चल रही है और वैक्सीन ने काफी उम्मीदें जगाई हैं। जब परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी तो देश के पर्यटन स्थलों पर फिर रौनक लौटेगी। ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ देखने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।

प्रधानमंत्री द्वारा आठ ट्रेनों को झंडी दिखाने के बाद भविष्य में केवड़िया तक संपर्क सुविधाएं बढ़ जाएंगी। इसका लाभ इन पर्यटकों को मिलेगा। साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

भारतभूमि प्रकृति के वरदान से संपन्न है। कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक हमारा देश इतनी विविधिताओं से भरा है कि दुनिया के अनेक देशों को ईर्ष्या हो सकती है। बर्फीली वादियां हों या धीर-गंभीर समुद्र, विशाल रेगिस्तान हो या घने जंगल .. ईश्वर ने हमें क्या नहीं दिया!

हमें इस खूबी को विश्व पटल पर और ज्यादा असरदार तरीके से पेश करने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि देश-विदेश के पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नीतियां बनें और वे धरातल पर दिखें।

प्राय: विदेशी पर्यटक स्वदेश लौटने के बाद यह शिकायत करते हैं कि उन्हें भारतीय संस्कृति, खानपान, पहनावा तो बहुत अच्छा लगा लेकिन पर्यटन स्थलों पर सफाई व्यवस्था ठीक नहीं थी, कुछ लालची प्रवृत्ति के लोगों ने परेशान किया। यह भी कहा जाता है कि उनसे सामान्य चीजों के दाम बहुत ज्यादा वसूल किए गए। एक अलग परिवेश से आने के कारण कई लोग उनकी अनभिज्ञता का गलत फायदा उठाते हैं। महिला पर्यटकों की सुरक्षा भी एक मुद्दा है।

आज इंटरनेट के जमाने में ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ और ‘अतिथि देवो भव:’ के वीडियो मोबाइल स्क्रीन पर विदेशी पर्यटकों को आकर्षित जरूर करते हैं लेकिन हमारा यह कर्तव्य है कि हर पर्यटक यहां से अच्छे अनुभव लेकर जाए। सोशल मीडिया पर ऐसे कई पेज हैं जिन पर पर्यटकों ने भारत को लेकर अपने ‘कड़वे’ अनुभव साझा किए हैं। इससे हमारी छवि को नुकसान होता है। यह हमारे लिए चिंतन का विषय होना चाहिए।

सरकार इस बात को लेकर गंभीरता से प्रयास करे कि कोरोना महामारी समाप्त होने के बाद जब आवागमन सामान्य हो तो पर्यटक यूरोप के बजाय भारत को प्राथमिकता दें। यह बहुत मुश्किल भी नहीं है, बस एक बार दृढ़ इच्छाशक्ति से धरातल पर काम करने की जरूरत है।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

श्रद्धा कपूर की पहली फिल्म की वह घटना, जब वे बोलीं- 'मुझे काम पर नहीं जाना!' श्रद्धा कपूर की पहली फिल्म की वह घटना, जब वे बोलीं- 'मुझे काम पर नहीं जाना!'
Photo: shraddhakapoor Instagram account
चुनाव आयोग ने झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की
अग्निवीरों की पैराशूट रेजिमेंट की पासिंग आउट परेड हुई
बाबा सिद्दीकी मामले में एक और शख्स को गिरफ्तार किया गया
केरल: मुख्यमंत्री ने की घोषणा- ऑनलाइन पंजीकरण के बिना भी कर सकेंगे सबरीमाला में दर्शन
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने नीलामी बोलियों को खारिज करने के बीडीए के अधिकार को बरकरार रखा
एयर मार्शल विजय गर्ग ने वायुसेना स्टेशन के उपकरण डिपो का दौरा किया