नौकरी पर संकट

नौकरी पर संकट

नौकरी पर संकट

विश्र्व भर में कोरोना का कठिन समय चल रहा है। यह समस्या अभी खत्म होती नजर नही आ रही है। पूरे विश्र्व को अनेक नए संकटों का सामना करना पड़ रहा है। इनमेंे आर्थिक चुनौतियों की भी बड़ी समस्या पूरे विश्र्व के सामने उठ खड़ी हुई है। लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी है और लाखों लोगों के सामने रोज नौकरी से निकाले जाने का खतरा मंडरा रहा है। मौजूदा हालात तो ऐसे हैं कि सरकारी नौकरियों के अलावा सभी नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं्‌। यह जरूरी नहीं है कि कौन इंसान किस पद पर काम कर रहा है। सभी को अपनी नौकरी जाने का खतरा सता रहा है। यह निश्र्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है। कोरोना ने पूरे विश्र्व को बदल कर रख दिया है। इसके दुष्प्रभावों से तो दुनिया का हरेक इंसान परेशान है। इससे सबको मिलकर ही लड़ना होगा। जबतक इसकी कोई इलाज नहीं आ जाता है तबतक इसके साथ ही हमें रहना सीखना होगा। इसके अतिरिक्त कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है।
याद रखें कि संकट काल ही हमें अवसर भी प्रदान करता है। सामान्य और बेहतर स्थितियों में इंसान आराम से जिंदगी गुजारता रहता है। पर जब हालात बिगड़ते हैं तभी तो इंसान हाथ-पैर मारता है। जिन लोगों की नौकरियां कोरोना के कारण जा चुकी हैं, उन्हें घबराने की कोई विशेष जरूरत नहीं है। उन्हें अब तुरंत अपना कुछ छोटा-मोटा काम-धंधा शुरू करने के बारे में सोचना होगा। वैसे भी ये दौर सिर्फ नौकरी करके गुजारा करने का नहीं रहा। अब तो आप तब ही अपने को किसी बड़े झटके से बचा सकते हैं, जब आप कम से कम दो काम कर रहे हों्‌। जो लोग मात्र नौकरी के सहारे रहते हैं, उनके लिए अब वक्त शायद निकल चुका है। उन्हें अब अपने आप को बदलना होगा।
बहुत साफ है कि अब जिनकी नौकरियां कोरोना की भेंट चढ़ गई हैं उन्हें भी कुछ अपना काम करने के बारे में जल्द सोचना होगा। फिलहाल अगले कुछ वर्षों में तो बाजार में कम ही नौकरियां आएंगी। आपको यह देखना होगा कि आप किस काम को कायदे से जानते हैं्‌। इसी क्षेत्र में अपने लिए अवसर तलाशें्‌। देखिए कि कोरोना काल के बाद मास्क, सेनिटाइजर और दूसरे कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जरूरी समान तेजी से बिकने लगे हैं्‌। इनकी हर स्तर पर मांग बढ़ी है। इस तरह अनेक नए अवसर लोगों के सामने आएंगे। हमे ऐसे अवसरों का फायदा उठाना होगा।
हालांकि साल 2020-21 के आम बजट में देश में ज्यादा से ज्यादा नौकरियों को सृजित करने पर जोर दिया गया था और बजट प्रस्तावों में नौकरियों को सृजित करने वाली योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया था। बजट प्रस्तावों से शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, पर्यटन आदि क्षेत्रों में लाखों नौकरियों के सृजित होने की उम्मीद भी पैदा हुई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा भी था कि शिक्षा और नर्सिंग के क्षेत्र में सबसे ज्यादा नौकरियां आएंगी। हेल्थ सेक्टर तो लाखों लोगों को रोजगार दे ही रहा है। इस कोरोना काल में भी कम से कम हेल्थ सेक्टर में किसी की नौकरी तो नहीं ही गई होगी परन्तु यह भी सत्य है कि कोरोना ने सरकार की तमाम योजनाओं के आगे अवरोध खड़े कर दिए हैं्‌। अब सरकार का पहला लक्ष्य कोरोना को हराना है। पर ये काम एक-दो दिन में तो नहीं होगा। इसमें महीनों की मेहनत लगेगी, इसके साथ ही कोरोना ने पर्यटन क्षेत्र का तो पूरी तरह सत्यानाश करके रख दिया है।

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