पाक पर अंकुश जरुरी

पाक पर अंकुश जरुरी

अमेरिका ने वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर हुए घातक हमले की जवाबी कार्यवाही में अ़फ़गानिस्तान के अनेक इलाकों में भारी बमबारी करते हुए तालिबान और अल-कायदा के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया था। करीब सोलह वर्षों के बाद भी अमेरिका अ़फ़गानिस्तान में अभी तक निर्णायक कार्यवाही नहीं कर सका है और लाखों करो़डों खर्च करने और अनेक सैनिकों की शहादत के बावजूद भी अमेरिका की परेशानियां कम नहीं हुईं हैं। इराक, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अमेरिका द्वारा युद्ध के लिए खर्चे गए पैसों के ेआंक़डे हाल ही में आए हैं। एक अध्ययन के मुताबिक पांच टिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक का खर्च हुआ है। इतना खर्चा करने के बावजूद अमेरिका को कोई विशेष सफलता नहीं मिली है। जहाँ पिछले महीने के अंत में अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस काबुल का दौरा करने पहुंचे थे उसी समय तालिबान के आतंकियों ने काबुल के हवाई अड्डे पर रॉकेट से हमला किया था। अमेरिका को अब यह समझ आने लगा है कि तालिबान के खिलाफ उसकी ल़डाई में पाकिस्तान तालिबानी आतंकियों को शरण दे रहा है। कई बार आतंकी अ़फ़गानिस्तान में किसी हमले को अंजाम देकर पाकिस्तान सीमा पार कर जाते हैं। पाकिस्तानी सरकार के समर्थन के बिना हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी आतंकवादी संगठनों को अ़फ़गानिस्तान में आतंक ़फैलाने का मौका नहीं मिल सकता था। जिस तरह से पाकिस्तान ने बार-बार आतंकियों को शरण दी है अंतराष्ट्रीय दबाव के बावजूद आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्यवाही करने से बचता रहा है उससे यही सा़फ होता है पाकिस्तान एक आतंक समर्थक देश है और अब अमेरिका को केवल आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्यवाही नहीं बल्कि पाकिस्तानी सरकार और जांच एजेंसी आईएसआई के रवैये पर भी अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी ने पिछले महीने अमेरिका में हुई संयुक्त राष्ट्र की अहम् बैठकों में पाकिस्तान को अफगानिस्तानी आतंकवादियों से खतरे की बात कही थी। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी राजनेता ने विश्व को गुमराह करने की कोशिश की हो। अमेरिका को अब धीरे-धीरे यह समझ आने लगा है कि एशिया में आतंक का सबसे ब़डा समर्थक पाकिस्तान है। अब आवश्यकता है कि अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ क़डा रवैया अपनाये और क़डे प्रतिबन्ध लगते हुए उसे आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए मजबूर करे। साथ ही पाकिस्तान में सेना की सरकार पर पक़ड को कम़जोर कर लोकता्त्रिरक ढाँचे को मजबूत कराए। पाकिस्तान के आँगन में पनप रहे आतंकवाद का अगर समय रहते खात्मा नहीं हुआ तो निश्चित रूप से पूरे विश्व के लिए यह ब़डा खतरा बन जाएगा।

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